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भारत को विकास के लिए 10 अरब डॉलर देगा दक्षि‍ण कोरिया, मोदी बोले- विकास है मुश्क‍िलों की बूटी

अपनी तीन देशों की यात्रा के आखि‍री पड़ाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षि‍ण कोरिया पहुंच चुके हैं. सियोल में सोमवार को प्रधानमंत्री ने एक बार फिर मेक इन इंडिया के तार छेड़े और कोरिया की कंपनियों को भारत में निवेश का न्यौता दिया, वहीं दक्षिण कोरिया ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भारत को 10 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देने का वादा किया है.

पीएम मोदी और दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुएन-हाई पीएम मोदी और दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुएन-हाई
aajtak.in
  • सियोल,
  • 18 मई 2015,
  • अपडेटेड 8:47 AM IST

अपनी तीन देशों की यात्रा के आखि‍री पड़ाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षि‍ण कोरिया पहुंच चुके हैं. सियोल में सोमवार को प्रधानमंत्री ने एक बार फिर मेक इन इंडिया के तार छेड़े और कोरिया की कंपनियों को भारत में निवेश का न्यौता दिया, वहीं दक्षिण कोरिया ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भारत को 10 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देने का वादा किया है.

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पीएम मोदी और दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुएन-हाई के बीच सोमवार को शिखर बैठक हुई. बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान के मुताबिक, दक्षिण कोरिया रणनीति एवं वित्त मंत्रालय और कोरिया के निर्यात आयात बैंक ने भारत को बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 10 अरब डॉलर देने का इरादा जताया है.

स्मार्ट शहरों, रेलवे का होगा विकास
संयुक्त बयान में कहा गया है कि 10 अरब डॉलर में से एक अरब डालर आर्थिक विकास सहयोग कोष और 9 अरब डॉलर निर्यात ऋण सहायता शामिल है. निर्यात ऋण सहायता का उपयोग भारत में स्मार्ट शहरों, रेलवे, बिजली उत्पादन और पारेषण समेत प्राथमिक व अन्य क्षेत्रों के विकास में सहयोग के लिए है. मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र को प्रमुख प्राथमिक क्षेत्र के रूप में पहचान की है.

प्रधानमंत्री मोदी की कोरिया यात्रा का मकसद जहाज निर्माण जैसे क्षेत्रों में कोरियाई निवेश प्राप्त करना है. भारत में प्रौद्योगिकी की गैर-उपलब्धता के कारण यह क्षेत्र पीछे है. बयान के अनुसार, राष्ट्रपति पार्क ने भारत के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का स्वागत किया. पीएम मोदी ने कोरिया को ‘मेक इन इंडिया’ में विशेष भागीदारी बनने का न्यौता दिया, जिसकी राष्ट्रपति पार्क ने सराहना की.

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बान से PM ने की मुलाकात
पीएम मोदी ने सोमवार को सियोल में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से मुलाकात की और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर उनके साथ विचार विमर्श किया. मोदी ने ट्विट किया, 'संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के साथ शानदार बैठक के दौरान महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई.' बान दक्षिण कोरियाई नागरिक हैं और वह दो कार्यकाल के बाद 2016 में सेवानिवृत्त होंगे.

तीन देशों के अपने दौरे के अंतिम चरण में सियोल पहुंचे मोदी का ग्रांड गार्डन में राजकीय सम्मान किया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने सियोल नेशनल सिम्रिटी में पुष्पचक्र चढ़ाया और 1950 से 1953 के बीच चले कोरियाई युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने एक सामुदायिक स्वागत समारोह को भी संबोधित किया जहां भारतीय समुदाय के करीब 1500 सदस्य मौजूद थे. मोदी ने राष्ट्रपति को स्टोल भेंट की
प्रधानमंत्री ने दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुएन-हाई को बुना हुआ पश्मीना स्टोल बतौर तोहफा भेंट किया. इस पर रवींद्रनाथ ठाकुर की कविता अंग्रेजी और कोरियाई भाषा में अंकित हैं. मोदी ने ट्वीट किया, 'राष्ट्रपति पार्क गुएन-हाई को दो बुने हए पश्मीना स्टोल भेंट किए जिन पर कोरिया के लिए रचित रवींद्रनाथ ठाकुर की कविता की कढ़ाई की हुई है.' उन्होंने एक और ट्वीट में कहा, 'गुरुदेव ठाकुर ने जो कविता मुख्य रूप से कोरिया के लिए लिखी थी वो अंग्रेजी और कोरियाई भाषा में अंकित हैं.' ठाकुर की जिस कविता को गहरे पीले रंग के स्टोल पर कढ़ाई के जरिए अंकित किया गया है वो 1929 में कोरियाई दैनिक ‘दोंग-ए इलबो’ में प्रकाशित हुई थी.

बच्चों ने गाया, 'चल चल मेरे साथी'

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मोदी ने ट्वीट किया, 'राष्ट्रपति पार्क गुएन-हाई के साथ बातचीत सार्थक रही और इससे हमारे राष्ट्रों के बीच मजबूत संबंध बनेंगे.' कोरियाई राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री के सम्मान में भोज का आयोजन किया. इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने ‘चल चल मेरे साथी’ गीत गाया. मोदी ने भोज के मौके पर राष्ट्रपति पार्क की सराहना करते हुए कहा, 'राष्ट्रपति पार्क आप ऐसी नेता हैं, जिनकी इस क्षेत्र और विश्व में सराहना होती है. आपने कठिनाई से निजी ताकत प्राप्त की है और आपने दृढ़ता एवं बुद्धिमत्ता के साथ शांति की कोशिश की है.' उन्होंने कहा, 'भारत के साथ रिश्ते को लेकर आपकी प्रतिबद्धता हमारे लिए ताकत का स्रोत है. जब जब हमने बात की, आपने हमारे बड़े अवसरों को लेकर व्यापक जागरुकता प्रकट की और आपने आगे की रूपरेखा के बारे में स्पष्टता के साथ बातचीत की.'

 


-इनपुट भाषा से

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