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मोदी-नायडू में नहीं बनी बात, मंत्रियों का इस्तीफा लेकिन अभी भी NDA में TDP

पीएम मोदी से बात के फौरन बाद चंद्रबाबू नायडू ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि NDA-TDP की दोस्ती फिलहाल चलती रहेगी.

फाइल फोटो फाइल फोटो
राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 08 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 8:50 AM IST

विशेष दर्जे की मांग पर अड़े आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू से पीएम मोदी की बात करने का भी कोई नतीजा नहीं निकला. आज शाम टीडीपी के दोनों मंत्रियों ने पीएम मोदी से मुलाकात कर इस्तीफा दे दिया. इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि चंद्रबाबू नायडू से पीएम मोदी की बातचीत के बाद कोई बीच का रास्ता निकल सकता है. हालांकि पार्टी ने साफ कर दिया है कि वो NDA में बनी रहेगी.

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एनडीए से अलग होने पर अड़े आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम को बात की थी. इस बातचीत के बाद एनडीए सरकार में टीडीपी के कोटे से बने दोनों मंत्री अशोक गजपति राजू और वाई एस चौदरी शाम 6 बजे प्रधानमंत्री से मुलाकात करने 7 लोक कल्याण मार्ग पहुंचे थे. लेकिन मुलाकात के कुछ ही मिनटों बाद दोनों मंत्रियों के इस्तीफे की खबर आ गई. 

इस्तीफा देने के बाद अशोक गणपति राजू ने कहा कि हम एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे. हम अभी भी इस मुद्दे का हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पार्टी हाईकमान की ओर से हमें इस्तीफा देने को कहा गया था, जिसके बाद हमने इस्तीफा दे दिया है. 

वहीं वाईएस चौदरी ने कहा कि हमारी मांगों को अब तक तवज्जो नहीं दी गई. अब काफी लंबा वक्त निकल चुका है. दोनों मंत्रियों ने इस्तीफा देने से पहले चंद्रबाबू नायडू से फोन पर बात की थी. उनके कहने पर ही दोनों ने पीएम मोदी को इस्तीफा सौंप दिया.

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इधर पीएम मोदी से बात के फौरन बाद चंद्रबाबू नायडू ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. माना जा रहा कि 2019 से ठीक पहले अगर एनडीए में बिखराव हुआ तो इससे न सिर्फ पीएम मोदी की साख पर बट्टा लगेगा, बल्कि चुनाव में भी इसका असर देखने को मिल सकता है.

इससे पहले राज्य सरकार में बीजेपी के मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है, तो वहीं आज ही केंद्र सरकार से टीडीपी कोटे के मंत्री इस्तीफा देंगे. दोनों पार्टियों के बीच में बढ़ रही राजनीतिक तल्खी के बीच भी एक अलग बात देखने को मिली. जिस दौरान बीजेपी कोटे के मंत्री आंध्र प्रदेश सरकार से इस्तीफा देने पहुंचे तो वहां मौजूद टीडीपी मंत्रियों से गले मिले और उसके बाद अपना इस्तीफा सौंपा. बीजेपी कोटे के ये दो मंत्री कामिनेनी श्रीनिवास, माणिक्याला राव हैं.

दोनों मंत्रियों के इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस बात की जानकारी आंध्रप्रदेश विधानसभा में भी दी. उन्होंने कहा कि बीजेपी कोटे के मंत्रियों ने राज्य सरकार से इस्तीफा दे दिया है. इन दोनों मंत्रियों ने अपने विभाग में काफी अच्छा काम किया था. मैं इनको धन्यवाद देता हूं. नायडू ने ये भी बताया कि केंद्र सरकार से उनके कोटे के मंत्री भी आज इस्तीफा देंगे.

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केंद्र ने आंध्र से वादा नहीं निभाया

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी के शीर्ष नेता चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि उनके राज्य के साथ अन्याय हुआ है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा नहीं निभाया है. जिसके चलते हमने केंद्र सरकार से अलग होने का फैसला किया है. नायडू ने ये भी कहा कि वो सत्ता के भूखे नहीं हैं.

अगले साल हैं आंध्र में चुनाव, इसलिए आक्रामक है TDP

अगले साल होने वाले लोकसभा और आंध्र प्रदेश विधानसभा के एक साथ होने वाले चुनावों के मद्देनजर लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर टीडीपी काफी आक्रामक है.

टीडीपी और बीजेपी के बीच चल रही अदावत के बीच नायडू और मोदी की मीटिंग काफी अहम थी. इस मीटिंग में नायडू ने पीएम को 17 पेज का दस्तावेज सौंपा था. दोनों नेताओं के बीच डेढ़ साल बाद मुलाकात हुई थी.

जानिए क्या है टीडीपी की मांग

- चंद्रबाबू नायडू की मांग है कि केंद्र पोलावरम परियोजना के लिए 58,000 करोड़ रुपये को तत्काल मंजूरी दे.

- उन्होंने मोदी से नए राज्य की राजधानी अमरावती के विकास के लिए केंद्रीय बजट में पर्याप्त राशि सुनिश्चित करने का आग्रह किया.

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- वह यह भी चाहते हैं कि मोदी राज्य विधानसभा की सीटें 175 से बढ़ाकर 225 करने के लिए तत्काल कदम उठाएं, जिसकी प्रतिबद्धता पुनर्गठन अधिनियम में की गई है.

- नायडु का कहना है कि राज्य के विभाजन के कारण आंध्र प्रदेश वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत की गई प्रतिबद्धताओं को लागू करने में देरी से समस्याएं और बढ़ेंगी.

क्या है आंध्र प्रदेश विधानसभा का समीकरण

साल 2014 में हुए आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी और टीडीपी ने शानदार प्रदर्शन किया था. दोनों पार्टियों के गठबंधन को 175 सीटों में 106 सीटें मिलीं. इनमें टीडीपी को 102 और बीजेपी को 4 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ने वाली जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस को 67 सीटें मिलीं.

दूसरी ओर एनडीए सहयोगी टीडीपी के पास के पास 15 सांसद हैं और केंद्र की मोदी सरकार में दो मंत्री भी हैं. इनमें नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गणपति राजू और वाईएस चौधरी शामिल हैं.

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