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खेल मंत्रालय के प्रस्तावित बिल के दायरे में होगी बीसीसीआई

अगर खेल मंत्रालय की चली तो जल्द ही BCCI भी खेल मंत्रालय के कानूनों से बंधा नजर आएगा. खेल मंत्रालय के प्रस्तावित 'खेलों में धोखा-धड़ी पर रोकथाम' बिल के संसद द्वारा पारित होने के बाद इस बिल के दायरे में BCCI समेत सभी खिलाड़ी तथा ऑफिशियल आ जाएंगे.

सर्बानंद सोनोवाल (फाइल फोटो) सर्बानंद सोनोवाल (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 10:11 AM IST

अगर खेल मंत्रालय की चली तो जल्द ही BCCI भी खेल मंत्रालय के कानूनों से बंधा नजर आएगा. खेल मंत्रालय के प्रस्तावित 'खेलों में धोखा-धड़ी पर रोकथाम' बिल के संसद द्वारा पारित होने के बाद इस बिल के दायरे में BCCI समेत सभी खिलाड़ी तथा ऑफिशियल आ जाएंगे.

पांच साल की सजा का प्रावधान
जिसके अंतर्गत किसी प्रतियोगिता में धोखा-धड़ी (जिसमें जान-बूझकर खराब खेलना भी शामिल है) साबित होने पर पांच साल तक की कैद का प्रावधान है. खेल मंत्रालय के एक उच्च सोर्स के मुताबिक कानून मंत्रालय ने इस बिल के ड्रॉफ्ट को कुछ संशोधनों के साथ वापस खेल मंत्रालय भेजा है.

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BCCI भी होगी दायरे में
जिनके द्वारा कानून मंत्रालय ने निश्चित किया कि इस बिल के अभी से लेकर कानून बनने तक BCCI समेत सारे राष्ट्रीय खेल संघ इस बिल के अंतर्गत आ जाएं. सोनोवाल के हस्ताक्षर के बाद इस बिल को संसद के मानसून सत्र के दौरान कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजे जाने की संभावना है.

स्पॉट फिक्सिंग खुलासे से जागी सरकार
सरकार ने यह प्रयास हालिया IPL स्पॉट फिक्सिंग मामले के खुलासे के बाद शुरू किया है. जिसमें जस्टिस लोढ़ा कमेटी की जांच के बाद चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर दो साल का जबकि रॉयल्स के पूर्व सहमालिक राज कुंद्रा और चेन्नई के पूर्व टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया है.

बनाना होगा कोड ऑफ कन्डक्ट
इस बिल में सभी राष्ट्रीय खेल संघों द्वारा अपने खिलाड़ियों, मैच ऑफिशियल्स तथा अन्य पदाधिकारियों के लिए कोड ऑफ कन्डक्ट बनाने का प्रावधान किया गया है. खेल मंत्रालय से जुड़े एक उच्च अधिकारी के मुताबिक, 'यदि कोई खिलाड़ी, ऑफिशियल या पदाधिकारी खेल से बेईमानी करने में पकड़ा गया तो उस पर भारी जुर्माने के साथ ही मैच फिक्सिंग जैसे मामलों में अधिकतम पांच साल की सजा का भी प्रावधान होगा.'

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इसकी मार से बच जाएंगे मयप्पन और कुंद्रा
इस बिल में वित्तीय लाभों से लेकर नतीजों से छेड़छाड़ करना, स्पॉट फिक्सिंग तथा किसी लाभ के लिए खराब प्रदर्शन करने पर संबंधित व्यक्ति इस बिल के अंतगर्त सजा के दायरे में होंगे. हालांकि इस बिल के IPL स्पॉट फिक्सिंग के आरोपियों पर लागू होने की संभावना कम ही हैं. क्योंकि अभी तक सोनोवाल ने इस बिल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. सूत्रों के मुताबिक सोनोवाल कुछ दिनों में इस बिल पर हस्ताक्षर करने के मूड में हैं जिसके चलते इस बिल का संसद के इस सत्र में पेश होना मुश्किल ही लग रहा है.

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