
मध्य प्रदेश के रतलाम में पुलिस की सुरक्षा के बावजूद दलितों की एक बारात पर दबंगों ने जमकर पथराव किया, जिसमें एक नायब तहसीलदार समेत चार लोग घायल हुए. इस पत्थरबाजी के बाद दूल्हे को हेलमेट पहनकर घोड़ी से दुल्हन के घर तक जाना पड़ा.
दबंगों की करतूत
रतलाम पुलिस ने दबंगों को उनके घरों से निकाल कर पीटा और गिरफ्तार किया. आशा नाम की जिस लड़की की बारात आई थी, उसके पिता ने एक हफ्ते पहले ही पुलिस को दबंगों के आतंक की एक लिखित शिकायत की थी. दूल्हा पवन रविवार शाम को बारात लेकर बस से नेगरुन गांव में बारातियों के साथ पंहुचा था. बारात शाम को 7 बजे गांव में ही निकलनी थी लेकिन उसे जिस घोड़ी पर बैठना था, उसका मालिक ही घोड़ी लेकर नहीं पंहुचा था. पूछताछ करने पर पता चला की गांव के दबंगों ने घोड़ी वाले को भगा दिया.
बारात में मची भगदड़
करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद दूसरी घोड़ी का इंतजाम हुआ और बारात गांव में निकलने लगी. बारात को सुरक्षा देने के लिए पुलिस के जवान भी बारात के साथ चल रहे थे, बाराती डीजे पर नाच रहे थे कि तभी अचानक बारात पर जमकर पथराव होने लगा, जिससे भगदड़ मच गई. इस पथराव में वहां मौजूद नायब तहसीलदार केएल जैन सहित छह बारातियों को चोटें आईं.
दूल्हे ने पहना हेलमेट
इसके बाद दूल्हा सिर पर हेलमेट पहनकर घोड़ी पर बैठा और बैंड-बाजों के बिना दुल्हन के घर तक पहुंचा और इसके बाद पवन और आशा की शादी की रस्में पूरी हो पाईं. दुल्हन के पिता के मुताबिक, गांव के दबंग पहले से बारात में दूल्हे को घोड़ी पर बैठकर नहीं निकलने देने की धमकी दे रहे थे और इसके लिए उन्होंने बाकायदा शिकायत भी की थी. जिला प्रशासन ने लगातार तीन दिन ग्रामीणों को समझाया था कि अगर कोई भी कानून को हाथ में लेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
गांव में सवर्णों का दबदबा
इस गांव की जनसंख्या 1900 है, जिनमें 250 दलितों के हैं और बाकी सवर्णों के. गांव में हमेशा से सवर्णों की दबंगई चलती आई है.