
17 साल का एक लड़का फेसबुक पर स्टेटस लिखता है. बताता है कि बाबरी मस्जिद गिराए जाने को लेकर एक नाबालिग क्या सोचता है. इस स्टेटस को सैकड़ों लाइक मिलते हैं. इनबॉक्स में एक मैसेज गिरता है और यह लड़का ISIS का आतंकी बन जाता है.
6 दिसंबर 2014. बाबरी मस्जिद विध्वंस की 22वीं बरसी और 17 साल का अखलाक-उर-रहमान. यह वही अखलाक है जिसे गणतंत्र दिवस से पहले देश में आतंकी हमले की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इस पर आरोप है कि वह आईएसआईएस के लिए काम कर रहा था. उसके साथ तीन अन्य को भी रुड़की से गिरफ्तार किया गया था.
बाबरी से क्या कनेक्शन
अखलाक 2014 में रुड़की के एक पॉलीटेक्निक कॉलेज में था. फर्स्ट ईयर में. जांच एजेंसियों का कहना है कि अखलाक इस्लामिक स्टेट के एक धड़े के लिए काम कर रहा था. दरअसल, बाबरी मस्जिद को गिराने की बातें सुनकर अखलाक को गुस्सा आ गया था. इसी गुस्से में उसने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी. मजमून था- बाबरी विध्वंस को लेकर एक नाबालिग के तौर पर वह क्या सोचता है.
क्या था FB पोस्ट में
पोस्ट में मस्जिद गिराने के खिलाफ बहुत गुस्सा था. अखलाक ने इस पोस्ट को फेसबुक के अलावा दूसरे ऑनलाइन सार्वजनिक मंचों और सोशल मीडिया पर खूब साझा किया. सैकड़ों लोगों ने अखलाक के पोस्ट को लाइक किया. इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ा. इसी पोस्ट का असर है कि आज अखलाक की पहचान एक आतंकी के तौर पर की जा रही है.
एक मैसेज ने बदल दी जिंदगी
उस पोस्ट के जवाब में अखलाक के पास 7 दिसंबर 2014 को एक संदेश आया. यूसुफ लाल-हिंदी नाम के एक व्यक्ति ने अखलाक को उसके फेसबुक इनबॉक्स में एक मैसेज भेजा था. यूसुफ ने खुद को एक इस्लामिक धर्मोपदेशक बताते हुए अखलाक के नजरिये की तारीफ की थी. जल्द ही अखलाक को बातचीत के लिए बुलाया गया और उससे कहा गया कि वह अपनी ऊर्जा व गुस्से को सही दिशा में ले जा सकता है. धीरे-धीरे अखलाक की अक्सर युसूफ से बातचीत बढ़ने लगी.
बदल गए बातचीत के मसले
जब युसूफ ने उससे कहा कि वह पॉलीटेक्निक की पढ़ाई में अपना वक्त बर्बाद कर रहा है, तो अखलाक को कोई आपत्ति नहीं हुई. जांचकर्ताओं से भी अखलाक ने कहा कि 'मुझे ऐसा लगा मैं बड़े काम करने के लिए पैदा हुआ हूं.' धीरे-धीरे अखलाक और यूसुफ की बातें वैश्विक मसलों पर भी होने लगीं. अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक सूत्र के हवाले से लिखा है कि अखलाक ने जांच एजेंसी को बताया कि यूसुफ से वह मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों के बारे में बात करता था.
और बन गया ISIS का आतंकी
अगले कुछ महीनों में यूसुफ ने अखलाक के दिमाग में यह बात बैठा दी कि अन्याय से लड़ना ही चीजों को बेहतर करने का एकमात्र रास्ता है. अखलाक के ऑनलाइन टेस्ट भी हुए. धार्मिक और व्यावहारिक मुद्दों पर हुए इन टेस्ट में वह पास हो गया. फिर एक दिन यूसुफ ने उससे पूछा, 'क्या वह सीरिया जाकर इस्लाम और इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ना चाहेगा?' अखलाक तैयार हो गया और आतंकी बन गया.