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मोदी सरकार पर हर रोज नया वार, आखिर किस मूड में हैं BJP के स्वामी?

भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी वैसे तो गांधी परिवार के खिलाफ बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से उन्होंने अपनी सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है.

मोदी सरकार के लिए मुसीबत बने स्वामी मोदी सरकार के लिए मुसीबत बने स्वामी
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 26 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:06 AM IST

भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी वैसे तो गांधी परिवार के खिलाफ बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से उन्होंने अपनी सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. उनके सवालों का भले ही बीजेपी जवाब न दे लेकिन पार्टी के लिए असहज की स्थिति जरूर पैदा हो जाती है. एक के बाद एक ट्वीट के जरिये स्वामी मोदी सरकार पर हमले कर रहे हैं. अब ये साफ नहीं हो पाया है कि स्वामी ने पार्टी के खिलाफ ही क्यों इस तरह का रुख अपनाया है?

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अहमदाबाद के नाम बदलने को लेकर तंज

ताजा मामला गुजरात के बड़े शहर अहमदाबाद को लेकर है. स्वामी का कहना है कि जब केंद्र में मनमोहन की सरकार की थी, तो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे और उन्होंने यूपीए सरकार ने अहमदाबाद का नाम बदलकर 'कर्णावती' करने की मांग की थी. लेकिन उनकी मांगे उस वक्त पूरी नहीं हो पाई थी. अब स्वामी ने इसी मुद्दे को लेकर ट्वीट किया है, उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'अभी तो केंद्र मोदी सरकार है और वो अहमदाबाद का नाम बदलकर कर्णावती रख सकती है. क्योंकि नरेंद्र मोदी यूपीए सरकार के दौरान अहमदाबाद का नाम बदलना चाहती थी'.

कोट-पैंट पहनना छोड़ें मोदी के मंत्री

दूसरा ट्वीट में स्वामी का गुस्सा वेस्टर्न परिधान को लेकर बीजेपी पर उतरा. स्वामी की मानें वेस्टर्न कपड़े विदेशियों द्वारा थोपी गई है. साथ ही उनका कहना है कि वेस्टर्न कपड़े भारतीय मौसम के अनुकूल नहीं हैं. उन्होंने ट्वीट के जरिये बीजेपी नेताओं को मंत्रियों को वेस्टर्न कपड़े छोड़ भारतीय मौसम के अनुकूल कपड़े पहनने की सलाह दी. साथ ही उन्होंने लिखा कि बीजेपी को इसे पार्टी अनुशासन के तौर पर लागू करना चाहिए. दरअसल पीएम मोदी, किरन रिजिजू समेत कई मंत्री बीच-बीच में कोट-पैंट पहने हुए नजर आते हैं.

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GDP आंकड़ों को स्वामी ने बताया फर्जी

बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी स्वामी ने नोटबंदी पर सवाल उठा दिया है. उन्होंने इसी हफ्ते नोटबंदी पर सवाल उठाकर बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया. जो काम अब तक विपक्ष करता आया था पिछले कुछ दिनों से स्वामी को काम कर रहे हैं. अहमदाबाद में चार्टर्ड अकाउंटेंट के एक कार्यक्रम में स्वामी ने कहा कि सरकार ने नोटबंदी का अर्थव्यवस्था और GDP पर विपरीत असर नहीं दिखाने के लिए केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO) के अधिकारियों पर बेहतर आर्थिक आंकड़े देने का दबाव बनाया था. स्वामी ने GDP के मौजूदा आंकड़ों को फर्जी करार दे दिया.

स्वामी ने कहा, 'जीडीपी के तिमाही आंकड़ों पर न जाएं. वे सब फर्जी हैं. यह बात मैं आपको कह रहा हूं, क्योंकि मेरे पिता ने सीएसओ की स्थापना की थी. हाल ही में मैं केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा (सांख्यिकी मंत्री) के साथ वहां गया था. उन्होंने सीएसओ अधिकारियों को आदेश दिया, क्योंकि नोटबंदी पर आंकड़े देने का दबाव था. इसलिए वह जीडीपी के ऐसे आंकड़े जारी कर रहे हैं, जिससे यह पता चल सके कि नोटबंदी का कोई असर नहीं पड़ा.'

UN में अमेरिका के खिलाफ वोटिंग पर आलोचना

येरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ यूनाइटेड नेशंस में वोट करने पर सुब्रह्मण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार को घेरा. स्वामी ने कहा कि ये फैसला भारत के हित में नहीं है. भारत की क्रेडिबिलिटी पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. न तो अमेरिका और न ही इजरायल हम पर भरोसा करेंगे. उन्होंने कहा कि हमने हमेशा फिलिस्तीन का समर्थन किया है, जो कश्मीर के मामले में हमेशा हमारा विरोधी रहा है. अमेरिका और इजरायल के पक्ष में वोट न करके भारत ने बड़ी गलती की है.

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NOTA से BJP को कम वोट

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन के बाद खाली हुई आरके नगर विधानसभा सीट पर 21 दिसंबर को उपचुनाव कराया गया था, इस सीट पर टीटीवी दिनाकरन ने शानदार जीत हासिल की. दिनाकरन की जीत पर खुशी जाहिर करते हुए सुब्रहमण्यम स्वामी ने अपनी ही पार्टी को आड़े हाथों लिया. स्वामी ने ट्वीट में लिखा, 'तमिलनाडु बीजेपी का रिकॉर्ड: राष्ट्रीय सत्तारूढ़ पार्टी को NOTA के एक तिहाई मत हासिल हुए हैं. जवाबदेही का समय.'

2G पर कोर्ट के फैसले से BJP पर बिदके स्वामी  

इसके अलावा 2G स्पेक्ट्रम घोटाले के सभी आरोपियों के बरी होने पर सुब्रमण्यम स्वामी ने BJP के खिलाफ ही सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि सीबीआई की अदालत को 2G घोटाले के सभी आरोपियों को बरी करना पड़ा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को मामले में फौरन हाईकोर्ट में अपील करनी चाहिए. बीजेपी नेता ने कहा कि मामले में सीबीआई ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. उन्होंने कहा, 'मेरी पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में तत्पर नहीं दिखी, जिसके चलते मामले के आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया.'

स्वामी ने अपनी ही सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि इस तरह का फैसला मेरे लिए कोई झटका नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि अगर हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के तौर तरीके नहीं बदले, तो साल 2019 में बीजेपी को तगड़ा झटका लगेगा. मामले को लेकर साल 2019 में लोग हमसे सवाल करेंगे.

गौरतलब है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले मामले को अदालत की चौखट तक ले जाने वाले राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री को खत लिखा है कि नए तरीकों और रणनीति के साथ युद्ध स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई तेज करने के लिए फौरन एक कमेटी बनाई जाए.' 

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