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EXCLUSIVE: सुब्रमण्यम स्वामी बोले- कीर्ति विवाद से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा

कीर्ति आजाद को बीजेपी से निलंबित किए जाने के मामले में सुब्रमण्यम स्वामी अब खुलकर सामने आ गए हैं. उन्होंने कीर्ति को हर संभव मदद करने का वादा किया है. इस बारे में स्वामी ने आजतक के साथ खुलकर बात की.

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, खराब हुई बीजेपी की छवि सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, खराब हुई बीजेपी की छवि
मोनिका शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 3:58 PM IST

डीडीसीए विवाद में बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद को बीजेपी से निलंबित किए जाने के बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने उनका साथ देने का वादा किया है. स्वामी ने कहा कि उन्हें कीर्ति की मदद करने का पूरा अधिकार है.

आजतक के साथ खास बातचीत में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि इस तरह से कीर्ति आजाद के निलंबित करने से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है. स्वामी ने कहा कि कीर्ति आजाद को उनकी बात रखने का मौका दिए बिना निलंबित कर दिया गया. इस मामले पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाकर फैसला किया जाना चाहिए.

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इससे पहले स्वामी ने गुरुवार को कहा था कि कीर्ति आजाद एक ईमानदार नेता हैं और पार्टी को उनके जैसे इंसान को खोने की गलती नहीं करनी चाहिए.

पार्टी की छवि हुई खराब
स्वामी ने कहा कि सालों से डीडीसीए में हुई गड़बड़ियों को लेकर आवाज उठा रहे कीर्ति को इस तरह निलंबित किए जाने से पार्टी की चौतरफा आलोचना हो रही है. विपक्षी पार्टियां आरोप लगा रही हैं कि बीजेपी में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की जाती है. स्वामी ने कहा कि कीर्ति के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई होने से पार्टी की छवि खराब हुई है.

आजाद को नहीं रखने दिया अपना पक्ष
सवाल इस बात को लेकर भी उठे हैं कि अगर बीजेपी को लग रहा था कि कीर्ति पार्टी विरोधी गतिविधियां कर रहे हैं, तो पहले उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी क्यों नहीं किया गया. निलंबन के बाद जवाब क्यों मांगा गया है? सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कीर्ति आजाद को सीधे निलंबन का नोटिस थमा दिया गया. स्वामी ने कहा कि उन्हें पहले अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए था.

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वरिष्ठ नेताओं का होना चाहिए था फैसला
कीर्ति आजाद के निलंबन से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच बड़ी हलचल देखने को मिली. गुरुवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा और शांता कुमार के बीच काफी देर तक बैठक हुई. सूत्रों का दावा है कि आजाद के निलंबन से सभी वरिष्ठ नेता नाराज हैं. इतना ही नहीं, वो डीडीसीए मामले में जांच भी चाहते हैं. सूत्रों ने बताया कि उन्होंने इस मामले को पार्टी फोरम में उठाने का फैसला कर लिया है. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कीर्ति के मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को हस्तक्षेप करना चाहिए था.

मार्गदर्शक मंडल को करना चाहिए हस्तक्षेप
इस बात की संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल की बैठक हो सकती है, जिसमें आगे की रणनीति पर बैठक हो सकती है. सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कहा कि इस मामले में मार्गदर्शक मंडल को हस्तक्षेप करना चाहिए.

क्या है मामला
दरअसल पिछले हफ्ते दिल्ली सचिवालय में सीबीआई की छापेमारी से बौखलाए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि जांच एजेंसी की टीम दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में हुई गड़बड़ियों की फाइलें तलाशने आई थी. सीएम का आरोप था कि मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली जब डीडीसीए के अध्यक्ष थे, उस वक्त वहां काफी गड़बड़ियां और जमकर भ्रष्टाचार हुआ.

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कीर्ति भी हुए जेटली के खिलाफ मुखर
इसके बाद कीर्ति ने भी सार्वजनिक तौर पर जेटली के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया. अपनी ही पार्टी के नेता पर आरोप लगाने से बीजेपी बौखला गई और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कीर्ति आजाद को निलंबन का नोटिस थमा दिया.

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