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रिक्शा चलाकर जुटाए पैसे, फिर बच्चों के लिए बनवाए 9 स्कूल

कई लोग जिंदगी में आने वाले परेशानियों को झेलते रहते हैं, जबकि कई लोग अपनी परेशानियों से कुछ सीख लेते हैं और अन्य लोगों को उस दिक्कत से बचाते हैं.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
मोहित पारीक
  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 1:12 PM IST

कई लोग जिंदगी में आने वाले परेशानियों को झेलते रहते हैं, जबकि कई लोग अपनी परेशानियों से कुछ सीख लेते हैं और अन्य लोगों को उस दिक्कत से बचाते हैं. उन लोगों में असम के रहने वाले अहमद अली का नाम भी शामिल है. अहमद अली खुद पढ़ लिखे नहीं है, लेकिन वो कई सालों से दूसरे बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहे हैं.

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अहमद अली खुद रिक्शा चलाते थे और आर्थिक कमजोरी की वजह से वो पढ़ाई नहीं कर पाए थे. उनकी अपनी जिंदगी भले ही गरीबी में गुजारी, लेकिन उन्होंने बच्चों के लिए स्कूल बनाकर उनका जीवन सफल करने की ठानी. उनके पास स्कूल बनवाने के लिए पैसे नहीं थे, तो उन्होंने अपनी जमीन बेचकर स्कूल खोला और वो लगातार स्कूल बनाने का काम कर रहे हैं. आपको आश्चर्य होगा कि अली अभी तक 9 स्कूलें खोल चुके हैं.

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योरस्टोरी के मुताबिक अपनी जमीन बेचने के बाद उन्होंने गांव के लोगों से थोड़े-थोड़े पैसे लिए और 1978 में पहला स्कूल खुला. अब तक वे तीन लोवर प्राइमरी स्कूल, पांच इंग्लिश मीडियम मिडल स्कूल और एक हाई स्कूल की स्थापना कर चुके हैं. अब वो एक कॉलेज खोलने की प्रक्रिया में हैं. अहमद की दो पत्नियां और सात बच्चे हैं. उनका कहना है कि जब उनके स्कूल के बच्चे कुछ अच्छा करते हैं या नौकरी पा जाते हैं तो उन्हें काफी सुकून महसूस होता है.

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अली के इस काम की हर कोई तारीफ करता है और सरकार भी उन्हें इस कार्य के लिए मदद कर रही है. हाल ही में क्षेत्रीय विधायक ने 11 लाख रुपये की सहायता की थी. अली लगातार शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं.

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