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गरीबी में कटा बचपन, फिर कट गए हाथ, लेकिन अब हैं सफल बिजनेसमैन

कई लोगों के सफलता की कहानी बड़ी अलग होती है और उनमें से एक है मूदबिदरी-कर्कला की जानी-मानी फर्म जीके डेकोरेटर्स के मालिक गणेश कामथ. हाल ही में गणेश कामथ को मंगलुरू प्रेस क्लब अवार्ड 2017 के लिए भी चुना गया है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
मोहित पारीक
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:45 AM IST

कई लोगों के सफलता की कहानी बड़ी अलग होती है और उनमें से एक है मूदबिदरी-कर्कला की जानी-मानी फर्म जीके डेकोरेटर्स के मालिक गणेश कामथ. हाल ही में गणेश कामथ को मंगलुरू प्रेस क्लब अवार्ड 2017 के लिए भी चुना गया है. गणेश आज कर्नाटक के कर्कला में जीके डेकोरटर्स नाम की एक फर्म चलाते हैं, जो कि पूरे क्षेत्र में काफी मशहूर है. हालांकि उनके इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी काफी प्रेरणादायक है.

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गणेश के दोनों हाथ नहीं है और उसके बाद भी उन्होंने इसे कमजोरी बनाने के बजाय इसे अपनी स्ट्रेंथ बना लिया. गणेश ने 2001 में लाइट का काम करते करंट की वजह से अपने हाथ खो दिए थे और आज वो सफल आंत्रप्रेन्योर में से एक है. द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कैटरिंग के बिजनेस से अपना कारोबार शुरू किया था और अब वो मेगा इवेंट्स का आयोजन करते हैं.

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उनका बचपन गरीबी में गुजरा था और गरीबी की वजह से उन्होंने 7वीं कक्षा में ही अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी. उसके बाद उन्होंने काम शुरू कर दिया, लेकिन 2001 में उनके हाथ कट जाने के बाद उन्हें जॉब से निकाल दिया गया. 25 साल के गणेश उसके बाद डिप्रेशन में आ गए और परिवार की जिम्मेदारी भी उनके कंदों पर थी.

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक्सीडेंटल इंश्योरेंस से जो पैसा मिला, उससे उन्होंने काम शुरू कर दिया. उन्होंने दो म्यूजिक सिस्टम्स खरीदे और उसे शादी और अन्य सार्वजनिक आयोजनों में किराए से देना शुरू कर दिया. पहले वो महीने के 350 रुपये कमाते थे, लेकिन आज उनकी फर्म का टर्न ओवर लाखों में है. बता दें कि उन्हें कल यानि 6 जनवरी को यह अवॉर्ड प्रदान किया जाएगा. 

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