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सफाई कर्मचारी की बेटी ने 15 साल की उम्र में किया M. Sc.

जब कुछ करने का जज्बा हो, तो परेशानियां भी रास्ता छोड़ देती है. इस बात को फिर से साबित कर दिया है सुषमा वर्मा ने. मात्र 15 साल की उम्र में उन्होंने एमएससी कर लिया है.

Sushma Verma with her family Sushma Verma with her family
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 जून 2015,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST

जब कुछ करने का जज्बा हो, तो परेशानियां भी रास्ता छोड़ देती है. इस बात को फिर से साबित कर दिया है सुषमा वर्मा ने. मात्र 15 साल की उम्र में उन्होंने एमएससी कर लिया है.

माइक्रोबायोलॉजी में एमएससी की पढ़ाई बाबा साहेब भीमाराव अंबेडकर (सेंट्रल) यूनिवर्सिटी (बीबीएयू) से किया है. सुषमा ने 8, 8.25 और 9 सेमेस्टर ग्रेड प्वाइंट एवरेज (एसजीपीए) मार्क्स अपने सेमेस्टर एग्जाम में हासिल किया है. पहले, दूसरे और चौथे सेमेसेटर की परीक्षा में वह पहले स्थान पर रहीं. तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा में सिर्फ .25 से वह टॉप करने से रह गईं थीं.

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13 साल की उम्र में उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीएससी किया था. सुषमा के पिताजी तेज बहादुर दो साल पहले मजदूरी करते थे और पूरा परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था. आर्थिक मदद के लिए बीबीएयू के वाइस चांसलर डॉ. आरसी सोबती ने आठवीं पास बहादुर को यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट सुपरवाइजर की नौकरी दी.

सुषमा एग्रीकल्चर माइक्रोबायोलॉजी में पीएचडी करना चाहती हैं. 2005 में सुषमा ने नौवीं क्लास में सेंट मीरा इंटर कॉलेज में एडमिशन लिया था, तब वे सिर्फ पांच साल की थीं. 2007 में लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने उन्हें 10वीं पांस करने वाली सबसे कम उम्र की स्टूडेंट घोषित किया. उस वक्त वे 7 साल, तीन महीने और 28 दिन की थीं.

सुषमा के लिए वह दौर मुश्किल से भरा था, जब उन्होंने डॉक्टर बनने के लिए उत्तर प्रदेश कंबाइंड प्रीमेडिकल टेस्ट (CPMT) में हिस्सा लिया था. मगर उनका रिजल्ट रोक दिया गया. आरटीआई डालने पर भी कोई आंसर नहीं दिया गया था.

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इसके बाद सुषमा ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीएससी किया और वहीं से बॉटनी में दिलचस्पी शुरू हुई. अपनी मेहनत और काबिलियत के बल पर सुषमा लगातार कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ रही हैं.

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