
कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले मे दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को तीन दिन में स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा है. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि अभी तक जांच मे भले ही वह किसी निष्कर्ष पर न पहुंची हो, लेकिन केस को पूरा करने के करीब है.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि अगर कोर्ट ये केस सीबीआई को सौंपती है तो हमें कोई एतराज नही है. हालांकि पुलिस ने ये भी कहा कि अब तक कि जांच मे बहुत कुछ मिला है और बहुत कुछ मिलना बाकी है. दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि भले ही सुब्रमण्यम स्वामी इससे खुश हों या न हो. हम इस केस में कुछ भी नही छिपा रहे है.
दिल्ली हाई कोर्ट बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की सुनंदा पुष्कर मौत मामले में दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है. स्वामी का आरोप है कि दिल्ली पुलिस साढ़े तीन साल होने के बाद भी इस केस मे अभी तक कुछ नही कर पाई है, लिहाज़ा मामले को सीबीआई को सौंपा जाए, जिससे साफ हो सके कि सुनंदा की मौत कैसे हुई.
अगर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका मे की गई मांग को दिल्ली हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया, तो सीबीआई की अगुवाई में एसआईटी सुनंदा की मौत के रहस्य की जांच कर सकती है. सुनंदा पुष्कर की रहस्यमयी मौत के साढ़े तीन साल बीतने के बाद सुब्रमण्यम स्वामी की दिल्ली हाइकोर्ट मे सीबीआई जांच के लिए लगाई गई याचिका पर कोर्ट दिल्ली पुलिस, होम मिनिस्ट्री को नोटिस कर चुकी है. दिल्ली पुलिस से कोर्ट ने अब तक की जांच की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी थी, लेकिन पुलिस ने कुछ और वक़्त मांग लिया है. दिल्ली पुलिस अभी तक इस मामले में चार्जशीट भी फाइल नही कर पायी है.
स्वामी से कोर्ट ने पूछा, देर से क्यों आए?
12 जुलाई को हुई पहली सुनवाई पर हाइकोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी को ये भी कहा कि आप कोर्ट इतनी देर से क्यों आए? स्वामी ने कहा कि वो सारी कोशिशें करने के बाद आख़िर मे कोर्ट की शरण मे आये हैं. स्वामी ने कहा कि शशि थरूर अभी भी एमपी हैं और उनके राज्य में उन्हीं की पार्टी की सरकार है, लिहाज़ा शुरू से अब तक जांच को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं. पुष्कर मौत से पहले आईपीएल से जुड़े घोटाले का खुलासा करना चाहती थी, जिसमें कई बड़े नाम शामिल थे.
सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में ये भी दलील दी कि पुष्कर की मौत जनवरी 2014 में हुई, जबकि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर 2015 में रजिस्टर की. वहीं, मौत के बाद दिल्ली पुलिस ने किसी प्रकार की विजलेंस जांच नहीं की और न ही कोई कमिटी बनाई. जिस दिन पुष्कर की मौत हुई उस दिन उनके होटल के फ्लोर का सीसीटीवी खराब था. ऐसे में पुष्कर की मौत किन वजह से हुई ये जानना बहुत ही महत्वपूर्ण है. फिलहाल, ये देखना काफी अहम होगा कि पुष्कर की मौत से जुड़ी जांच रिपोर्ट में तमाम एजेंसियां अपना क्या पक्ष रखती हैं. एक अगस्त को मामले की अगली सुनवाई होगी.