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सुपर-30 ने फिर लहराया परचम, अंडे बेचने वाले का बेटा बना आईआईटियन

बिहार में जहां शिक्षा के लेकर रोज़ सवाल उठाए जाते रहें है वहीं पटना के सुपर 30 ने इतिहास रच दिया. इस इंस्टीट्यूट के 30 में से 30 बच्चों ने आईआईटी के एडवांस परीक्षा में सफलता हासिल की है.

अरबाज़ आलम अपने पिता शकील  अहमद खान के साथ अरबाज़ आलम अपने पिता शकील अहमद खान के साथ
सुजीत झा
  • बिहार,
  • 12 जून 2017,
  • अपडेटेड 4:17 PM IST

बिहार में जहां शिक्षा के लेकर रोज़ सवाल उठाए जाते रहें है वहीं पटना के सुपर 30 ने इतिहास रच दिया. इस इंस्टीट्यूट के 30 में से 30 बच्चों ने आईआईटी के एडवांस परीक्षा में सफलता हासिल की है.

ग्रामीण परिवेश से आने वाले बच्चे गरीबी में पले बढे़ बच्चे अब आईआईटियन बनेंगे, बेहद गरीब पृष्ठभूमि के इन बच्चों ने अपनी मेहनत और आनंद कुमार के मूलमंत्र पर चलते हुए ये सफलता पाई है. आइए इनमें से कुछ बच्चों से बातचीत करते हैं.

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अरबाज़ आलम ने सुपर 30 में टॉप किया है इनकी रैंक 67 आई है.अरबाज़ नालंदा जिले का रहने वाला है और इसके पिता शकील अहमद खान अंडे बेचते हैं. अब आप ये तो अंदाज़ा लगा ही सकते हैं कि अंडे से कितनी आमदनी होती है.

अरबाज़ के पिता रोज 100 रुपया कमाते हैं उनके 7 सदस्यों के परिवार ने न सिर्फ इससे गुज़ारा किया बल्कि अपने बेटे को आईआईटी तक पहुंचाया.

शकील अहमद खान का कहना है कि अरबाज़ ने अपना रास्ता खुद बनाया है अब इसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता, लेकिन एक समय था जब वो अपने परिवार के लोगों को कहते थे कि वो बच्चे को पढ़ाना चाहते हैं. लेकिन कही से उन्हें मदद नहीं मिली.

अरबाज़ ने 10वीं की परीक्षा में अपने अनुमंडल में टॉप किया था तभी उसके पिता ने ठान लिया था कि इसे अच्छी शिक्षा देनी है. अरबाज ने इसी साल बिहार बोर्ड से इंटर की परीक्षा पास की है और उसे 70 फीसदी नम्बर आए हैं गांव के स्कूल में पढ़े-बढ़े अरबाज़ के सपने आज उड़ान भर रहे हैं.

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इस सुपर 30 में कई और बच्चे हैं जो बेहद गरीब परिवेश से आते हैं बिहार शरीफ के अर्जुन के पिता छोटे किसान है महज 14 कठ्ठा जमीन है उसी के बल पर अर्जून को उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचाया है इसी तरह सुपौल का रहने वाला अभिषेक के पिता भी छोटे किसान है. वहीं झारखंड के रहने वाले आदित्य राज के पिता एक कारखाने में काम करते हैं लेकिन उन्होंने कभी अदित्य की पढ़ाई के साथ समझौता नहीं किया.

इतनी गरीबी में महंगी कोचिंग करने में असमर्थ बच्चों को सुपर 30 का सहारा मिला. आनंद कुमार ने अपने मंत्र के ज़रिए इन्हें यह मुकाम हासिल करा दिया है. गणितज्ञ आनंद का कहना है कि अगले साल से वो सुपर 30 को सुपर 100 में बदलने जा रहे हैं ताकि और बच्चे इसमें सफल हो सकें. इस सुपर 100 का रिज़ल्ट 2019 में देखने को मिलेगा.

आनंद कुमार ने 2002 से सुपर 30 की शुरूआत की थी इन 15 वर्षों में 450 बच्चों ने सुपर 30 से परीक्षा दी जिसमें से 396 बच्चों ने आईआईटी क्रेक करने में सफलता पाई.

आपको बता दें कि आनंद कुमार पर एक फिल्म भी बन रही है जिसमें रितिक रौशन आनंद की भूमिका निभाएंगे. वैसे इससे पहले भी प्रकाश झा की फिल्म आरक्षण में महानायक अभिताभ बच्चन आनंद की भूमिका निभा चुके हैं.

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