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आखिरी कामकाजी दिन कोर्टरूम में ऐसे बीते CJI गोगोई के अंतिम 4 मिनट

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अपने अंतिम कार्यदिवस पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और कोर्ट नंबर एक में चार मिनट तक रहे. इस दौरान उन्होंने तीन मिनट में 10 मुकदमों में नोटिस ही जारी किया. जानिए अंतिम कार्यदिवस में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने क्या-क्या किया.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (फोटो- विक्रम शर्मा) चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (फोटो- विक्रम शर्मा)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:30 AM IST

  • चीफ जस्टिस गोगोई ने 3 मिनट में 10 मुकदमों में जारी किया नोटिस
  • 17 नवंबर को चीफ जस्टिस के पद से रिटायर हो रहे हैं रंजन गोगोई

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अपने अंतिम कार्यदिवस पर शुक्रवार सुबह साढ़े 10 बजे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और कोर्ट नंबर एक में चार मिनट तक रहे. उन्होंने अपने उत्तराधिकारी और अगले चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे के साथ पीठ की अध्यक्षता की. जब चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कोर्टरूम पहुंचे, तो वह पूरी तरह से भरा हुआ था. इस दौरान उन्होंने सिर्फ तीन मिनट में 10 मुकदमों में नोटिस जारी किया.

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कोर्ट नंबर एक चीफ जस्टिस की कोर्ट है, जहां पर रंजन गोगोई 3 अक्टूबर 2018 से बैठते आ रहे हैं. अब रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में उनका आखिरी कार्यदिवस रहा. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को फेयरवेल पार्टी दी.

इस बीच सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव खन्ना ने लॉयर्स एसोसिएशन की तरफ से चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का आभार जताया. रंजन गोगोई के अंतिम कार्यदिवस के एजेंडे में हाई कोर्ट के न्यायमूर्तियों और देश के विभिन्न भागों में करीब 15,000 न्यायिक अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधन शामिल था.

इससे पहले शुक्रवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के ऑफिस ने मीडिया के साक्षात्कार देने के आग्रह पर एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने इंटरव्यू नहीं दे पाने पर खेद जताया और इसकी वजहें गिनाई. उन्होंने कहा कि वो एक ऐसे संस्थान यानी न्यायपालिका से संबंध रखते हैं, जिसकी असली ताकत लोगों का इसके प्रति विश्वास है, जो प्रेस से नहीं बल्कि अपने अच्छे काम से अर्जित की गई है.

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वहीं, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को भेजे अपने लिखित संदेश में कहा, 'भले मैं शारीरिक रूप से सुप्रीम कोर्ट में मौजूद न रहूं, लेकिन मेरा एक हिस्सा हमेशा सुप्रीम कोर्ट में रहेगा. मुझे इतने समय के कार्यकाल में बहुत सहयोग मिला. मैं सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं.'

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