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हरियाणा की जिंदल यूनिवर्सिटी के कैंपस में छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पुलिस को नए सिरे से जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. यही नहीं, कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि पीड़िता पुलिस की जांच से असंतुष्ट होती है तो फिर केस सीबीआई को सौंपने पर विचार किया जाएगा.
कोर्ट में पेश मामले के मुताबिक, पीड़िता और केस में गिरफ्तार किए गए तीनों स्टूडेंट सोनीपत की ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं. लड़की, एक छात्र से करीब 2 साल पहले चिल्ड्रेंस डे पर मिली. तब लड़की 18 साल की थी और मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही है. लड़के की उम्र 20 साल थी, जो अभी लॉ का स्टूडेंट है.
पहले दोस्ती हुई फिर...
दोनों के बीच धीरे-धीरे दोस्ती बढ़ी. दोनों एक-दूसरे को लगातार मैसेज भेजते रहे . दोनों हॉस्टल में नहीं मिल सकते थे, इसलिए बाहर मिलने लगे. यहीं से बात बिगड़ने लगी. एमबीए की इस छात्रा का आरोप है कि यूनिवर्सिटी के कुछ सीनियर स्टूडेंट उसकी फोटो लेने के बाद उसे ब्लैकमेल कर रहे थे. सीनियर स्टूडेंट्स ने उसे फिजिकल रिलेशन बनाने के लिए मजबूर किया.
पीड़िता के मुताबिक, तीन सीनियर छात्रों ने कैंपस के भीतर और बाहर बार-बार उससे बलात्कार किया. बाद में वे उसकी फोटो सार्वजनिक करने की धमकी देने लगे. पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस से की लेकिन इंसाफ न मिलता देख सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई.