
पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के बैन के बाद दिल्ली में कई पटाखा विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए. जिसके बाद एक हताश पटाखा विक्रेता ने आत्मदाह की कोशिश कर डाली. इससे पहले पटाखा विक्रेताओं ने मार्केट में प्रदर्शन भी किया.
सुप्रीम कोर्ट के बैन के बाहर बुधवार को सदर बाजार की 24 पटाखा दुकानों के लाइसेंस कैंसिल कर दिए गए, हालांकि इन सभी को कुछ दिन पहले ही पटाखे की दुकान खोलने का लाइसेंस दिया गया था.
दिल्ली के सदर बाजार में बुधवार को सभी दुकानों के शटर गिरे हुए थे. विक्रेता और उनके कर्मचारी मायूस बैठे हुए नजर आ रहे थे. इसी दौरान बीते दो दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे दुकानदार हरजीत छाबड़ा ने प्रदर्शन के बाद अपने ऊपर मिट्टी का तेल छिड़क लिया और आत्मदाह की कोशिश की.
पटाखा व्यापारियों के सामने रोजी रोटी का सवाल
उनके साथियों बामुश्किल उन्हें काबू किया और तुरंत स्थिति को संभाल लिया. पटाखा विक्रेता एसोसिएशन के प्रमुख नरेंद्र गुप्ता ने कहा कि सदर बाजार में जिन दुकानदारों को लाईसेंस मिला था, उन सबने अपनी खून पसीने की कमाई से कई लाख का स्टॉक भर लिया था. अब कोर्ट के आदेश के बाद भूखे मरने की नौबत आ गई है.
एकजुट हुए एनसीआर के पटाखा विक्रेता
इस प्रदर्शन में कई विक्रेता अपने परिवार के साथ आए थे. बीते 20 सालों से पटाखा का काम कर रहे एक विक्रेता ने कहा कि ऐसा कभी मौका नहीं आया है जब इस तरह की स्थिति बनी हो. विक्रेता की 12 साल की बच्ची ने भी सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई.
चाहते हैं स्टॉक क्लीयर करना
दरअसल, सभी विक्रेताओं की मांग यही है कि भले ही अगले साल से लाइसेंस न दिए जाए, पर इस साल जो स्टॉक खरीद लिया गया है. उसको बेच लेने दिया जाए या फिर सरकार इस स्टॉक का मुआवजा उन्हें दे.