
उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के.एम. जोसेफ की उच्चतम न्यायालय में नियुक्त किए जाने के बाद भी विवाद थमता नहीं दिख रहा है. दरअसल, जस्टिस जोसेफ की वरिष्ठता को घटाने के केंद्र सरकार के फैसले से उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम के कुछ सदस्यों के साथ सुप्रीम कोर्ट के कई जज नाखुश हैं.
शीर्ष अदालत के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि कोलेजियम के कुछ सदस्यों सहित अन्य जस्टिस, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा से सोमवार को मिलकर अधिसूचना में जस्टिस जोसेफ का नाम क्रम में तीसरे स्थान पर रखने के केंद्र के फैसले पर असंतोष जाहिर करेंगे.
सूत्रों ने बताया कि सीजेआई से उच्चतम न्यायालय के शपथ ग्रहण समारोह से पहले उचित कदम उठाने की मांग की जाएगी. यह समारोह मंगलवार को होने की संभावना है. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के कुछ सदस्यों ने कहा कि वे इस मुद्दे पर एक ज्ञापन सौपेंगे.
यहां बता दें कि शनिवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसफ, मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी और ओडिशा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विनीत सरन को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति करने की अधिसूचना जारी की गई थी. नई नियुक्तियों के बाद शीर्ष न्यायालय में न्यायमूर्तियों की संख्या 25 हो गई, लेकिन अब भी छह पद रिक्त हैं.
न्यायमूर्ति बनर्जी सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में आठवीं महिला न्यायमूर्ति हैं.वहीं जस्टिस जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को लेकर पांच सदस्यीय कोलेजियम और केंद्र सरकार के बीच पिछले कई महीनों से मतभेद चल रहे थे.