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उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछे ये सात अहम सवाल

उत्‍तराखंड में अब 29 अप्रैल को सदन में शक्ति परीक्षण नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश को बहाल रखा है. अंतरिम आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई हुई है. कोर्ट ने ये सात अहम सवाल भी पूछे-

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और हरीश रावत को सोमवार तक मोहलत दी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और हरीश रावत को सोमवार तक मोहलत दी
केशव कुमार/अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 27 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 5:26 PM IST

उत्‍तराखंड में अब 29 अप्रैल को सदन में शक्ति परीक्षण नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश को बहाल रखा है. अंतरिम आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई हुई है. हाई कोर्ट ने उत्‍तराखंड में राष्ट्रपति शासन को रद्द करते हुए 29 अप्रैल को शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट 3 मई को इस मामले की अगली सुनवाई करेगा.

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केंद्र और रावत सोमवार तक दें जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह शनिवार तक अपनी याचिका में जो भी बदलाव करना चाहते हैं, उन्‍हें करके अपनी याचिका दायर करें. वहीं उत्‍तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से कहा है कि वो इस मामले में कोई जवाब अगर देना चाहते हैं तो उसे सोमवार तक दायर कर दें. कोर्ट ने संकेत दिया है कि वो गर्मी की छुट्टियों से पहले ही इस मामले में अपना अंतिम फैसला सुना देगा.

बुधवार को इस मामले की सुनवाई शुरू होते ही सुप्रीम कोर्ट ने अटार्नी जनरल से 7 सवाल पूछे-

1- राज्यपाल ने आर्टिकल 175 (2)के तहत जिस तरीके से फ्लोर टेस्ट के लिए सन्देश भेजा. क्‍या इस तरीके से संदेश भेजा जा सकता है ?

2- क्‍या विधायकों की सदस्यता रद्द करने का फैसला कोई आधार हो सकता है राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन लगाने के लिए ?

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3- क्‍या राष्‍ट्रपति शासन की घोषणा करने के लिए फ्लोर टेस्‍ट में देरी को आधार बनाया जा सकता है ?

4- क्या राष्ट्रपति, विधानसभा की कार्रवाई का संज्ञान आर्टिकल 356 के तहत ले सकता है ?

5- विनियोग विधेयक की क्‍या स्‍थिति है और विनियोग विधेयक के मामले में कब राष्‍ट्रपति की भूमिका की जरूरत होती है ?

6- ऐसा कहा जा रहा है कि मनी बिल फेल हो गया और सरकार चली गई,लेकिन अगर स्‍पीकर नहीं कहता है कि मनी बिल पास नहीं हुआ तो और कौन कह सकता है ?

7 - गवर्नर और विधानसभा अध्‍यक्ष दोनों संवैधानिक अधिकारी हैं, तो क्‍या गवर्नर अध्‍यक्ष से वोटों के बंटवारे के लिए कह सकता है ?

स्पीकर के अधिकार में गवर्नर का दखल कैसे
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्‍पीकर सदन का मास्‍टर होता है. गवर्नर कैसे बोल सकता है कि वोटिंग की ऑडियो या विडियो रिकार्डिंग हो. आप (अटार्नी जनरल) कहते हैं कि मनी बिल पास नहीं हुआ, जबकि स्‍पीकर के रिकॉर्ड में मनी बिल पास बताया जा रहा है. ऐसे में कौन तय करेगा कि मनी बिल पास हुआ या नहीं. गवर्नर के सामने जब 35 विधायकों ने फ्लोर टेस्‍ट की मांग की थी तो उन्‍हें किसने रोका था.

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