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अरुणाचल में बहाल होगी कांग्रेस सरकार, SC ने कहा- राज्‍यपाल ने किया है पावर का दुरुपयोग

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य में 15 दिसंबर 2015 से पहले की स्थिति बहाल होगी. इसका मतलब यह है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार फिर से बहाल हो जाएगी. क्योंकि उस दिन राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और नबाम तुकी राज्य के मुख्यमंत्री थे.

नबाम तुकी ने फिर से संभाला सीएम का पद नबाम तुकी ने फिर से संभाला सीएम का पद
प्रियंका झा/अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 2:29 PM IST

केंद्र की मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश में बनी कलीखो पुल की सरकार को असंवैधानिक करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि राज्यपाल का फैसला असंवैधानिक था. इसके बाद बुुधवार शाम नबाम तुकी ने फिर से मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाल लिया.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य में 15 दिसंबर 2015 से पहले की स्थिति बहाल होगी. इसका मतलब यह है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार फिर से बहाल हो जाएगी. क्योंकि उससे पहले राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और नबाम तुकी राज्य के मुख्यमंत्री थे.खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यों वाली पीठ ने यह फैसला सुनाया है और पांचों सदस्य इस फैसले को लेकर एकमत थे.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्यपाल का समय से पहले विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला, उसकी पूरी प्रक्रिया असंवैधानिक थी. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक राज्यपाल ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया है. बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड में भी सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद कांग्रेस की सरकार बहाल हुई थी. यह केंद्र सरकार के लिए दूसरा झटका है.

फरवरी में बनी थी नई सरकार
इसी साल कई महीनों के राजनीतिक संकट के बाद अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी के सहयोग से कांग्रेस के बागी नेता कलिखो पुल ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. कलिखो पुल को कांग्रेस के 19 बागी विधायकों का समर्थन और बाहर से 11 बीजेपी विधायकों और दो निर्दलीयों का समर्थन हासिल था. राज्य में 60 विधानसभा सीटें हैं.

राज्य में बीते साल शुरू हुआ राजनीतिक संकट
बता दें कि राज्य में संवैधानिक संकट की शुरुआत बीते साल तब हुई जब 60 सदस्यों वाली अरुणाचल विधानसभा में तब की कांग्रेस सरकार के 47 विधायकों में से 21 (इनमें दो निर्दलीय) विधायकों ने अपनी ही पार्टी और मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत कर दी. मामला नबम तुकी और उनके कट्टर प्रतिद्वंदी कलिखो पुल के बीच है. पुल चाहते थे कि तुकी की जगह उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाए. इसके बाद 26 जनवरी 2016 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था.

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नबाम तुकी ने जताई खुशी
कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की है. तुकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र को बचाया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला है. अब वे राज्य में कांग्रेस के 47 विधायकों से बातचीत करेंगे. इसके बाद आगे के नीति पर विचार किया जाएगा.

'संघ के कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे हैं राज्यपाल'
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कहा कि यह संविधान और लोकतंत्र की जीत है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं कि लोकतंत्र को खतरा पैदा हो गया है. राज्यपाल केंद्र के इशारे पर काम कर रहे हैं. राज्यपाल संघ के कार्यकर्ता लगते हैं.

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