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सुप्रीम कोर्ट ने कहा-सिखों पर जोक्स बनने से रोकना हमारा काम नहीं

कोर्ट ने कहा कि अगर कही किसी को परेशानी होती है तो उसके लिए आईटी एक्ट और आई पी सी कानून है, स्कूलों में प्रिंसिपल और मैनेजमेंट है. वहां पर जाकर शिकायत दर्ज की जा सकती है.

सिख समुदाय पर चुटकुले कोई रैगिंग नहीं है. सिख समुदाय पर चुटकुले कोई रैगिंग नहीं है.
अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST

सिखों पर बनने वाले चुटकुलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में वह कोई गाइडलाइन्स नहीं बना सकता है. कोर्ट ने कहा कि नागरिकों के लिए मोरल गाइडलाइन्स बनाना कोर्ट का काम नहीं है.

कोर्ट ने कहा कि अगर कहीं किसी को परेशानी होती है तो उसके लिए आईटी एक्ट और आई पी सी कानून है, स्कूलों में प्रिंसिपल और मैनेजमेंट है. वहां पर जाकर शिकायत दर्ज की जा सकती है.

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कोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट किसी धर्म विशेष के लिये कोई गाइड लाइन नहीं बना सकता है, सिख समुदाय का बहुत सम्मान है लेकिन इस तरह की याचिका दायर होने से सिख समुदाय की गरिमा को हल्का करना होगा, सिख समुदाय पर चुटकुले कोई रैगिंग नहीं है. इस मामले पर 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट अंतिम आदेश पारित करेगा.

गौरतलब है कि सोशल मीडिया और आम बोलचाल में लगातार सिखों पर जोक्स बनते रहते हैं.

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