
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली सरकार को ट्रॉमा सेंटर के लिए 110 एम्बुलेंस रजिस्टर करने की इजाजत दे दी. वायु प्रदूषण के मामले मे सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ये सभी एम्बुलेंस डीजल की हैं और 2000 सीसी से ज्यादा की हैं.
फिलहाल एंबुलेंस को लेकर कोई तय मानक नहीं
दिल्ली सरकार ने कहा कि इन गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर कोई पर्यावरण सेस नहीं लगाया जाएगा. कोर्ट ने एम्बुलेंस के स्टैंडर्ड को लेकर चिंता जताई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अभी तक एम्बुलेंस को लेकर कोई भी तय मानक नहीं हैं. किसी भी गाड़ी को एम्बुलेंस में बदल दिया जाता है. उसमें बस एक पंखा लगा होता है. उसमें जरूरी मेडिकल उपकरण तक नहीं होते.
एम्बुलेंस के स्टैंडर्ड पर केंद्र से जवाब तलब
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि एम्स ने एम्बुलेंस के स्टैंडर्ड पर एक रिपोर्ट सरकार को दी थी, उस पर सरकार ने क्या कदम उठाए. केंद्र सरकार 4 हफ्ते में इस पर अपना जवाब दे. दिल्ली में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर कार कंपनियों और अन्य सभी पक्षकारों से कोर्ट ने सुझाव भी मांगे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने गाड़ियों पर सेस के लिए मांगा सुझाव
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में सभी को अपनी राय देनी है कि दिल्ली में प्राइवेट डीजल गाड़ियों पर कितना सेस लगाया जाना चाहिए. वाहनों में प्रदूषण जांच के क्या-क्या उपाय होने चाहिए. मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी.