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मोदी सरकार को झटका, वध के लिए पशुओं को खरीदने-बेचने पर बैन SC ने हटाया

उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि वध के लिए मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगाने संबंधी केंद्र की अधिसूचना पर मद्रास उच्च न्यायालय की अंतरिम रोक बरकरार रहेगी और यह पूरे देश पर लागू होगी.

सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 4:18 PM IST

उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि वध के लिए मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगाने संबंधी केंद्र की अधिसूचना पर मद्रास उच्च न्यायालय की अंतरिम रोक बरकरार रहेगी और यह पूरे देश पर लागू होगी. प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिह खेहर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड  की पीठ ने केंद्र सरकार के इस वक्तव्य का संज्ञान लिया कि इस मामले में विभिन्न पक्षों की तमाम आपत्तियों और सुझावों के मद्देनजर अधिसूचना पर पुनर्विचार किया जा रहा है और वह अब एक संशोधित अधिसूचना लाएगी.

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पीठ ने कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ द्वारा दिए गए अंतरिम निर्देश प्रभावी रहेंगे और पूरे देश में इन्हें लागू किया जा रहा है. इसके साथ ही पीठ ने केन्द्र सरकार की 23 मई की अधिसूचना की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली अखिल भारतीय जमीयतुल कुरैशी एक्शन समिति की याचिका का निबटारा कर दिया.

इससे पहले, केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल पी एस नरसिम्हा ने कहा कि हाल में जारी अधिसूचना वैसे भी उस समय तक प्रभावी नहीं होगी जब तक इसके अंतर्गत राज्य सरकारें मवेशियों की खरीद फरोख्त के लिए स्थानीय बाजार को चिन्हित नहीं करती हैं.

उन्होंने कहा कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और दूसरे संबंधित प्राधिकरण अधिसचूना को लेकर दिए गए तमाम सुझावों और आपत्तियों पर गौर कर रहे हैं और एक संशोधित अधिसूचना जारी की जाएगी. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध नहीं कर रही है और वह न्यायालय को मौजूदा स्थिति से अवगत करा रही है.

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शीर्ष अदालत ने केन्द्र सरकार के कथन पर विचार किया और उससे कहा कि प्रभावित पक्षों को पर्याप्त समय दिया जाए ताकि वे यदि कोई समस्या हो तो फिर से न्यायालय जा सकें. केन्द्र सरकार ने 23 मई को एक अधिसूचना जारी करके मवेशी बाजार से पशुओं के वध के लिए खरीद फरोख्त पर प्रतिबंध लगाने संबंधी अधिसूचना जारी की थी. सरकार के इस कदम से मांस और चमड़े के कारोबार और निर्यात पर असर पड़ने की संभावना थी.

 

 

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