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दिल्ली को पूर्ण राज्य घोषित करने की मांग को लेकर दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 29 अगस्त को सुनवाई करेगा. दिल्ली सरकार ने इस याचिका में अपने और केंद्र के अधिकारों को भी तय करने की मांग की है. ये याचिका दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के पहले सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी.
केंद्र ने की याचिका खारिज करने की मांग
केंद्र सरकार की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल ने दिल्ली सरकार की इस याचिका का विरोध करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत ये याचिका दायर की गई है जबकि दिल्ली एक पूर्ण राज्य नहीं है. इसलिए उसको ये याचिका दायर करने का अधिकार ही नहीं है इसलए ये याचिका खारिज की जाए.
29 अगस्त को होगा याचिका पर फैसला
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह इस याचिका को सुनने के मकसद से दिल्ली को एक राज्य घोषित करे. जस्टिस अर्जुन सिकरी और जस्टिस रमन्ना की बेंच ने 29 अगस्त तक के लिए मामले को टाल दिया है. अब 29 अगस्त को कोर्ट ये तय करेगी कि क्या 131 के तहत दिल्ली की याचिका सुनी जाए या नहीं.
HC के आदेश को SC में चुनौती
दूसरी तरफ, दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि वो दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एक हफ्ते में अपील दायर करेगी. दोनों ही याचिकाओं में मुद्दे अधिकारों को लेकर है. ऐसे में दोनों एक साथ सुनी जाए या नहीं ये अब 29 अगस्त को तय होगा. लोकसभा के पूर्व सेक्रेटरी जनरल और संविधान विशेषज्ञ पीडीटी आचारी जो खुद सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद थे, के मुताबिक 'ये संविधान का एक पेचीदा मसला है और इसको निपटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को दिल्ली को पूर्ण राज्य के तौर पर मान कर 131 पर सुनवाई करनी चाहिए.'
गौरतलब है की संविधान के अनुछेद 131 के तहत सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में ही याचिका डाली जा सकती है.