
बीजेपी के सांसद उदित राज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एससी/एसटी एक्ट में कुछ नहीं रह गया है. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. इस फैसले के बाद कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं हो पाएगी. इसलिए जरूरी है कि इस फैसले पर रिव्यू पिटीशन डाली जाए.
उन्होंने कहा, ' मैंने इस विषय पर पीएम मोदी से टाइम मांगा है. इस विषय को मैं पार्टी के अंदर भी उठाऊंगा. मैं इस मुद्दे को संसदीय दल की बैठक में भी उठाऊंगा.'
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस एक्ट के तहत कानून का दुरुपयोग हो रहा है. कोर्ट ने इस एक्ट के तहत मामलों में तत्काल गिरफ्तारी ना किए जाने का आदेश दिया है. साथ ही इसके तहत दर्ज होने वाले केसों में अग्रिम जमानत को भी मजूंरी मिली है.
उदित राज ने कहा कि न्यायपालिका को कानून में हस्तक्षेप करने का अधिकार हैं, ना कि कानून बनाने का. कानून बनाने का अधिकार संसद और चुने हुए प्रतिनिधियों को है. सरकार को जज की नियुक्ति को देखना चाहिए.
डाली जाए रिव्यू पिटीशन
अगर सरकार इस फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन नहीं लगाएगी तो चुनाव में नुकसान होगा. कुछ सांसद तो पार्टी की नौकरी करते हैं इसलिए कुछ बोलते नहीं हैं लेकिन मैं बोलूंगा.
रोहित वेमुला मामले को मैंने उठाया- उदित राज
उन्होंने कहा, 'रोहित वेमुला मामले को मैंने ही उठाया था. क्योंकि हैदराबाद यूनिवर्सिटी में दलित उत्पीड़न के कारण 11 दलित बच्चों की मौत हुई थी. हर सरकार में दलित उत्पीड़न होता हैं. मायावती की सरकार में भी हुआ.' साथ ही उन्होंने कहा- पार्टी के साथ जो मेरी राजनीतिक प्रतिबद्धता जैसे पार्टी के प्रोग्राम है, मैं उससे सहमत हूं और उसको मैं पूरा करता हूं. पार्टी की और मेरी अम्बेडकर जी हत्या पर भिन्न राय है. मैं राजनीति पार्टी की लाइन पर हूं. लेकिन कई सोशल और धार्मिक मुद्दों पर मेरी पर्सनल विचारधारा है.