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सुरेश प्रभु ने अपने दोनों राज्यमंत्रियों को बांटे कामकाज

दोनों राज्यमंत्रियों के कामकाज में बंटवारे से ये साफ है कि रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने बुलेट ट्रेन, सेमी हाई स्पीड ट्रेन और रेलवे स्टेशन विकास जैसी तमाम महत्वपूर्ण चीजों का जिम्मा पूरी तरह से अपने पास ही रखा है.

रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेल मंत्री सुरेश प्रभु
सना जैदी/सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 11:48 PM IST

रेल मंत्रालय में दोनों राज्य मंत्रियों के बीच कामकाज का बंटवारा कर दिया गया है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने नए बने राज्यमंत्री राजेन गोहेन और पहले से रेल मंत्री मनोज सिन्हा को अलग-अलग काम सौंप दिए हैं. इस मामले में ऑफिस ने ऑर्डर जारी कर दिया गया है.

रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, बिहार, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में हो रहे रेलवे विकास कार्यों का जिम्मा दिया गया है. रेलवे पीएसयूज आरवीएनएल, आईआरएफसी, डीएलडब्ल्यू, आरसीएफ, आरडब्ल्यूएफ, डीएलएमडब्ल्यू और डीएफसीसीआईएल की समीक्षा और कामकाज की जिम्मेदारी मनोज सिन्हा को सौंपी गई है. जोनल रेलवे की सेफ्टी रिव्यू भी रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को दिया गया है.

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इसके अलावा रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को जिन चीजों की जिम्मेदारी रेलमंत्री ने सौंपी वो हैं..

1: सभी रेलवे प्रोजेक्टों के आंकलन और लागत को अनुमोदित करना.
2: प्रोडक्शन यूनिट और वर्कशॉप्स की प्रोत्साहन स्कीम को तय करना.
3: रेलवे में खेलों को बढ़ावा देना.
4: ग्रुप डी, सी और बी के रेलवे कर्मचारियों के अनुशासन और अपील के मामलों का जिम्मा.
5: वेतन आयोग से संबंधित मसले.
6: भारतीय रेलवे में इन्नोवेशन यानी नई तकनीक संबंधी मसले.
7: ऑफिशियल लैंग्वेज से संबंधित मसले.

इसी तरह से असम से सांसद और नए रेल राज्यमंत्री जेन गोहेन को अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलांगाना में रेलवे के विकास का जिम्मा सौंपा गया है.

इसके अलावा राज्यमंत्री राजेन गोहेन को जो जिम्मेदारी रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने सौंपी वो हैं...

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1: सभी जोनल रेलवे लफेयकी परफॉर्मेंस की समीक्षा का काम.
2: देश भर में मानव रहित क्रासिंग्स, रेलवे फुटओवर ब्रिज, रेलवे अंडरपास और ओवरब्रिज के काम की प्रगति की समीक्षा का काम.
3: रेलवे पीएसयूज केआरसीएल, कॉनकोर, आईआरसीटीसी, इरकॉन, रेलटेल, आईसीएफ, सीएलडबल्यू, राइट्स और एमआरवीसी की समीक्षा जिम्मा.
4: ट्रेनों की समय पर आवाजाही की समीक्षा का काम.
5: टिकट चेंकिंग परफॉर्मेंस की समीक्षा का जिम्मा.
6: यात्री और मालगाड़ियों की शिकायतों की मॉनीटरिंग का काम.
7: दूसरे मंत्रालयों के साथ तालमेल का काम.
8: रेलवे कर्मचारियों के वेलफेयर संबंधित मसले.
9: पीएम रिलीफ फंड से संबंधित मामलों का जिम्मा.

दोनों राज्यमंत्रियों के कामकाज में बंटवारे से ये साफ है कि रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने बुलेट ट्रेन, सेमी हाई स्पीड ट्रेन और रेलवे स्टेशन विकास जैसी तमाम महत्वपूर्ण चीजों का जिम्मा पूरी तरह से अपने पास ही रखा है. इसकी साफ वजह ये बताई जा रही है कि इन सब चीजों पर प्रधानमंत्री मोदी खुद दिलचस्पी ले रहे हैं. इनमें हो रही हर गतिविधि पर सुरेश प्रभु बारीकी से नजर रख रहे हैं.

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