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सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सेना पड़ी अलग-थलग, सरकार के बाद 'लाशों' को लेकर आतंकी संगठन भी हुए नाराज

उच्चस्तरीय सूत्रों की मानें तो सर्जिकल स्ट्राइक से सुनिश्चित हो गया है कि अब किसी भी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई होगी. पाकिस्तान जानता है कि अब पहले कि तरह नहीं होगा कि भारत किसी हमले के बाद बातचीत बंद कर दे और कुछ समय बाद फिर वार्ता शुरू हो जाए.

हाफिज सईद हाफिज सईद
मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 8:16 AM IST

भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान आर्मी हैंडलर्स के बीच दरार पैदा हो गई है. खबरों की मानें तो पाक सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आतंकियों को वहां से शवों को हटाने की अनुमति नहीं दी.

सर्जिकल स्ट्राइक में पाक सेना के मृतकों और घायल सैनिकों को वहां से पहले बाहर निकाला गया, जबकि लश्कर के आतंकवादियों को ऐसा करने की अनुमति सिर्फ अंधेरे में करने की दी गई. इस व्यवहार से आतंकियों में खासी नारजगी है.

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उच्चस्तरीय सूत्रों की मानें तो सर्जिकल स्ट्राइक से सुनिश्चित हो गया है कि अब किसी भी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई होगी. पाकिस्तान जानता है कि अब पहले कि तरह नहीं होगा कि भारत किसी हमले के बाद बातचीत बंद कर दे और कुछ समय बाद फिर वार्ता शुरू हो जाए.

सरकार और सेना में भी ठनी
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से पाकिस्तानी सेना बैकफुट पर आ गई है. भारत की खुफिया एजेंसियों के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सेना प्रमुख के साथ चल रही खींचतान के बीच घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी इज्जत बचाने की मुहिम में जुट गए हैं.

'आज तक' से बात करते हुए वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि 'पाकिस्तान में सेना और सरकार के बीच तनाव की खबरों में सच्चाई तो है लेकिन ये झगड़ा उस वक्त विकराल रूप ले सकता है जब नवाज और राहील के बीच बराबरी का मुकाबला हो.'

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