
कांग्रेस और कुछ क्षेत्रीय पार्टियों पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि जल्दी ही राजनीति में परिवार के नाम, खानदान और वंशावली के लिए कोई जगह नहीं रह जाएगी. उन्होंने कहा कि व्यवसाय की दुनिया में यह बदलाव पहले ही आ चुका है.
साल 1991 को भारतीय इतिहास में एक निर्णायक मोड़ बताते हुए अरुण जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्थाओं के उदारीकरण के बाद दुनिया पहले के मुकाबले कहीं अधिक क्रूर हो गई है. इसमें जो अब सबसे ठीक होगा, वही टिकेगा और जो सबसे उत्कृष्ट होगा, वही पुरस्कार पाएगा.
दिल्ली में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, ‘कानून और कारोबार की दुनिया में आज जो सबसे ठीक होता है, वही टिकता है. परिवार के नाम, खानदान और वंशावली का कोई मायने नहीं रह जाएगा.’
उन्होंने कहा कि टॉप 50 कंपनियां किसी पारंपरिक व्यावसायिक घराने की नहीं हैं. उम्मीद है, जल्द ही वह दौर आएगा, जब राजनीति में भी परिवार के नाम, खानदान और वंशावली का कोई मायने नहीं रह जाएगा.
बीजेपी नेता ने किसी का नाम नहीं लिया, पर उनकी इस टिप्पणी का महत्व इस बात में ही है कि कांग्रेस और कई क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का नेतवृत कुछ खास खास परिवारों के हाथ में है.
जेटली ने कहा कि ‘प्रतिभा पलायन’ का मुहावरा अब प्रासंगिक नहीं रह गया है. भारत के पास एक ‘ब्रेन बैंक’ है, जो समाज, देश और दुनिया की सेवा कर सकता है.
सीनियर बीजेपी लीडर ने कहा कि अपने प्रतिभावान श्रमबल के दम पर भारत दुनिया में, खासकर विकसित देशों में जहां कार्यबल की कमी है, एक बड़ी भूमिका निभा सकता है.