
दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने शनिवार को कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) रियो खेलों से पहले पुरुष 74 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में ट्रायल कराने के अपने वादे से मुकर रहा है, जिससे फैसला होता कि उनके और नरसिंह यादव के बीच कौन बेहतर है.
हुई थी ट्रायल कराने की बात
सुशील ने डब्ल्यूएफआई पर ट्रायल कराने के अपने फैसले से मुकरने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘जब विश्व चैंपियनशिप से पहले जुलाई 2015 में ट्रायल्स हुए थे और मैं चोट के कारण इसमें भाग नहीं ले सका था, तो डब्ल्यूएफआई ने कहा था कि नरसिंह यादव के 74 किग्रा में कोटा हासिल कर लेने के बाद भी ओलंपिक से पहले एक ट्रायल होगा. वर्ना, मैं इतनी कड़ी मेहनत नहीं कर रहा होता.’
इस 32 वर्षीय पहलवान ने दोहराया कि वह डब्ल्यूएफआई को पिछले दो ओलंपिक में उसके पिछले रिकॉर्ड की वजह से भेजने के लिए नहीं कह रहे, सिर्फ ट्रायल कराने की मांग कर रहे हैं.
नाराजगी की बात से इनकार
सुशील ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि वे मेरा प्रदर्शन देखें. अगर आप यह नहीं देखोगे कि इस समय कौन अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, तो आप कैसे जानोगे कि मेरे और नरसिंह के बीच बेहतर कौन है.’ उन्होंने साथ ही कहा कि वह महासंघ से नाराज नहीं हैं.
WFI की राजनीति पर सवाल
सुशील कुमार ने कहा, ‘मैं इसलिए बुरा महसूस कर रहा हूं कि इतना कुछ करने के बाद यह सब हो रहा है. मुझे भारत के लोगों का ही समर्थन नहीं मिल रहा, बल्कि अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में बसे भारतीयों से भी समर्थन मिला है. वे मुझसे पूछ रहे हैं कि डब्ल्यूएफआई इस तरह की राजनीति क्यों कर रहा है?’