
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लालू परिवार पर एक नया आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आरजेडी के पूर्व एमएलसी अनवर अहमद के आवामी कॉपरेटिव बैंक में नोटबंदी के बाद 10 लाख रुपये जमा कराने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से सीबीआई की पूछताछ से यह साफ हो गया है कि आखिर राबड़ी-तेजस्वी नोटबंदी का क्यों विरोध कर रहे थे.
सुशील मोदी ने कहा कि इस बैंक के जरिए कालेधन को सफेद करने के एवज में आरजेडी ने अनवर अहमद को एमएलसी बनाया. लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के अलावा शायद ही किसी अन्य दल के राजनेताओं का आवामी कॉपरेटिव बैंक में खाता होगा क्योंकि आमतौर पर लोग राष्ट्रीयकृत व बड़े बैंकों में ही खाता रखते हैं.
उप मुख्यमंत्री ने बयान जारी कर कहा, नोटबंदी के बाद आवामी कॉपरेटिव बैंक में राबड़ी देवी ने बड़े पैमाने पर 500 व 1000 के नोट क्यों जमा कराए? फिर कुछ ही दिनों के बाद चेक के जरिए जमा राशि क्यों निकाल ली गई? जिस डिलाइट कंपनी का 750 करोड़ का पटना में मॉल बन रहा था नोटबंदी के चार दिन बाद ही उसका नाम बदल कर ‘लारा’ क्यों कर दिया गया? तेजस्वी परिवार ने मुखौटा कंपनियों के माध्यम से जो दर्जनों प्लॉट खरीदे उनमें से करीब आधे दर्जन का भुगतान आवामी कॉपरेटिव बैंक के जरिए ही क्यों दिखाया गया है? तेजस्वी यादव बताएं कि नोटबंदी के बाद उनका परिवार और कहां-कहां पैसा जमा कराया.
बीजेपी नेता ने कहा कि नोटबंदी के बाद आवामी कॉपरेटिव बैंक में मजदूरों व कर्मियों के नाम पर 41 फर्जी खाते खोल कर 70 लाख 46 हजार रुपये के पुराने नोट जमा कराए गए. जांच के बाद सीबीआई ने बैंक के चेयरमैन अनवर अहमद के बेटे व बैंक के निदेशक अरशद अहमद तथा उनके स्कूल मदर इंटरनेशनल एकेडमी की प्राचार्य सुप्रिया चटर्जी को कालेधन को सफेद करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.
राहुल गांधी पर साधा निशाना
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया, कर्नाटक में बीजेपी 40 से 104 सीटों पर पहुंच गई, जबकि कांग्रेस को सरकार गंवा कर छोटी पार्टी के अधीन डिप्टी-सीएम पद से संतोष करना पड़ा. वे बीजेपी को विधानसभा में बढ़ने से नहीं, केवल कुछ दिन के लिए सत्ता में आने से रोक पाए हैं. अच्छा है कि राहुल गांधी ने पराजय में खुश रहना जल्द ही सीख लिया.
बीजेपी नेता ने कहा कि मायावती-अखिलेश का बेंगलुरु के शपथग्रहण समारोह में मंच साझा करना साबित करता है कि बीजेपी की बढ़ती ताकत से सहमी परस्पर विरोधी ताकतें केवल अस्तित्व बचाने के लिए एक-दूसरे को सहारा दे रही हैं. कर्नाटक विपक्ष की मजबूती नहीं, दयनीय हालत का साक्षी बना.