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नौकरी करने वालों से रोजगार देने वाला श्रेष्ठ: सुशील मोदी

सुशील मोदी ने आगे कहा, बिहार में आईटी, फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल और लेदर उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति के तहत बैंक से कर्ज लेने पर 10 प्रतिशत ब्याज अनुदान होगा. बिहार के लोगों को रोजगार देने पर प्रति कर्मचारी 20 हजार रुपए सरकार अनुदान देगी.

सुशील मोदी (फाइल) सुशील मोदी (फाइल)
रणविजय सिंह/सुजीत झा
  • पटना,
  • 21 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:38 AM IST

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने युवा उद्यमी सम्मेलन का उद्धाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा, नई औद्योगिक नीति 2016 के तहत पिछले 15 महीने में राज्य निवेश प्रोत्साहन परिषद को निवेश के लिए 652 प्रस्ताव मिले हैं. इनमें से 539 को प्रथम चरण की स्वीकृति मिल चुकी है. इसके जरिए करीब 5 हजार करोड़ का पूंजी निवेश होगा. वहीं, वित्तीय प्रोत्साहन के लिए आए 72 प्रस्ताव में से 55 को निवेश परिषद की सहमति मिल चुकी है. इनमें से 14 लग चुके हैं या लगने के अंतिम चरण में हैं. 1002 करोड़ के 3 सीमेंट कारखाने के प्रस्ताव के अलावा अन्य छोटे निवेश के प्रस्ताव हैं.

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सुशील मोदी ने आगे कहा, बिहार में आईटी, फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल और लेदर उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति के तहत बैंक से कर्ज लेने पर 10 प्रतिशत ब्याज अनुदान होगा. बिहार के लोगों को रोजगार देने पर प्रति कर्मचारी 20 हजार रुपए सरकार अनुदान देगी. मोदी ने युवा उद्यमियों का आह्वान करते हुए कहा कि नौकरी करने वालों से दूसरों को रोजगार देने वाला श्रेष्ठ होता है. पिछले 25-30 वर्षों में दुनिया काफी बदल चुकी है. एक उद्यमी के लिए अनन्त आकाश खुला हुआ है.  

मोदी ने कहा, बैंकों की ओर से सर्विस, ट्रेडिंग और विनिर्माण प्रक्षेत्र को 2016-17 में 14861 करोड़ का ऋण दिया गया है. 2017-18 में 17 हजार करोड़ का कर्ज दिया जाएगा. भारत सरकार की मुद्रा और सीजीएमडीसी स्कीम के तहत भी उद्यमियों को अधिक से अधिक ऋण दिया जाएगा. बिहार में मल्टी स्टोरिज इंडस्ट्रीयल पार्क के जरिए प्रदूषणविहीन उद्योग को फ्लोर स्पेश उपलब्ध करा कर जमीन के अभाव का समाधान किया जाएगा.

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उपमुख्यमंत्री ने कहा, स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए 2016-17 में वेंचर फंड हेतु बिहार स्टार्टअप फंड ट्रस्ट को 50 करोड़ उपलब्ध कराया गया है. स्टार्टअप के लिए ऑनलाइन मिले 3751 प्रस्ताव में से 22 को प्रथम किश्त के रूप में 55 लाख दिया जा चुका है. इस योजना के अन्तर्गत सरकार अधिकतम 10 लाख रुपए 10 वर्षों के लिए ब्याजमुक्त कर्ज के तौर पर देगी. स्टार्टअप नीति के तहत 5 वर्षों तक किसी संस्थान की जांच नहीं की जाएगी तथा औद्योगिक प्रांगण में उन्हें 10 प्रतिशत स्थान देने के साथ विभिन्न अधिनियमों के अन्तर्गत लाइसेंस व निबंधन से उन्हें 5 वर्षों तक छूट दी जाएगी. बीआईए और बीईए के सहयोग से दो इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना कर सरकार की ओर से 2.95 करोड़ उपलब्ध कराए गए हैं.

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