
बक्सर के नंदन गांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर हुआ हमला, पूर्व नियोजित था. जांच दल की तहकीकात में यह बात सामने आ रही है. दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि नंदन गांव में मुख्यमंत्री के दौरे के पहले भारी मात्रा में शराब बरामद हुई थी, जिसका बदला लेने के लिए पूरी तैयारी के साथ मुख्यमंत्री पर हमला कराया गया.
उन्होंने लिखा है कि उस गांव के दोनों वार्ड तक बिजली पहुंच चुकी है और घरों में नल का पानी मिल रहा है. जबकि विपक्ष शराब माफिया का साथ देने के लिए विकास से असंतोष की झूठी कहानी गढ़ रहा है.
इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने वीडियो फुटेज के आधार पर 28 लोगों को गिरफ्तार किया है. 50 से अधिक लोगों का बयान लिया गया है. जिले के डीएम, एसपी के अलावा अन्य अधिकारी, मजिस्ट्रेट और आम लोग भी शामिल हैं. सूत्र के अनुसार कॉल डिटेल भी खंगाला जा रहा है. ये मालूम चल सके कि घटना के पहले और बाद में किसने किससे बात की और कितनी बार बात की है.
जांच में यह साक्ष्य मिला है कि सबकुछ प्रायोजित कार्यक्रम के अनुरूप हुआ है. सूत्र बताते हैं कि जांच टीम के दायरे में राजनीति से लेकर प्रशासन के लोग भी आ रहे हैं.
घटना पूर्ण रूप से सुनोयोजित थी, इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि हमले के लिए सड़क के टर्निंग (मोड़) को ही चुना गया था. यहां गाड़ियों की रफ्तार धीमी हो जाती है. मोड़ से सटे आलू के खेत में पत्थर रखे गये थे, ताकि पथराव के लिए आसानी से पत्थर उपलब्ध हो सके. कुछ पत्थर लोगों के छत से भी फेंके जा रहे थे. उपद्रवियों के निशाने पर सिर्फ मुख्यमंत्री ही थे. खबर ये भी है कि मुख्यमंत्री के दौरे के पहले गांव में गुप्त मीटिंग भी हुई थी.
इस मामले की जांच पटना के कमिश्नर आनंद किशोर और पटना क्षेत्र के आईजी नैय्यार हसनैन कर रहे हैं. जांच रिपोर्ट सरकार को कुछ दिनों के अंदर सौंप दी जाएगी. सुशील कुमार मोदी ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो कभी शराबबंदी के पक्ष में हाथ थामे खड़े थे, वे आज शराब-माफिया के साथ हो गए.