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लालू को बच्चों के नाम याद नहीं, बेनामी संपत्ति कहां से याद रखेंगे: सुशील मोदी

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने खुलासा करते हुए कहा कि बिहार के पूर्व एमएलसी मो शमीम और उनकी पत्नी सोफिया तबस्सुम ने पटना की करोड़ों की जमीन की वसीयत लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के नाम कर दी है.

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी
सुजीत झा
  • पटना,
  • 30 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 8:33 PM IST

आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से घंटों पूछताछ की लेकिन आयकर विभाग को संतोषजनक जवाब नहीं मिला. राबड़ी देवी की मदद के लिए उनकी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती भी आई हुई थीं. इसके बावजूद दोनों ने बेनामी संपत्ति के बारे में याद ना आने की बात कही और कहा कि अगले तीन-चार दिनों में लिखित रूप से वो इसका उत्तर देंगे. इस पर टिप्पणी करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव को अपने बच्चों का नाम ठीक से याद नहीं रहता है उनके बेटे क्या बेनामी संपत्ति के बारे में बता पाएंगे. मोदी ने दावा किया कि उनकी जानकारी में लालू प्रसाद यादव उनके परिवार और उनके सालों को मिलाकर देखा जाये तो ये करीब 150 संपत्ति के मालिक हैं.

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आपको बता दें कि सुशील कुमार मोदी जब प्रतिपक्ष के नेता थे तब से ही वो लगातार लालू यादव के परिवार के बेनामी संपत्तियों का खुलासा करते रहे हैं. कैसे कंपनी बनाकर, गिफ्ट लेकर, पॉवर ऑफ अटॉर्नी लेकर लालू यादव ने बेनामी संपत्ति बनाई लेकिन अब इसमें वसीयत भी जुड़ गया है.

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने खुलासा करते हुए कहा कि बिहार के पूर्व एमएलसी मो शमीम और उनकी पत्नी सोफिया तबस्सुम ने पटना की करोड़ों की जमीन की वसीयत लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के नाम कर दी है.

12 मई 2005 को किए गए वसीयत में लिखा गया है कि उनकी मृत्यु के बाद यह जमीन तेज प्रताप और तेजस्वी यादव को दे दिया जाए. यही नहीं वसीयत में यह भी लिखा है कि ये मेरे भतीजे समान हैं वे और उनके पिता निष्ठा के साथ उनकी सेवा करते रहे हैं तथा उनकी मदद की है.

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वसीयत के मुताबिक

- यह अचल संपत्ति मै तेजस्वी और तेज प्रताप को दे रहा हूं जो मेरी मृत्यु के बाद प्रभावी होगा. मेरी मृत्यु के बाद दोनों इस संपत्ति को अपने कब्जे में ले सकते हैं.

- इस संपत्ति पर मेरे किसी वैधानिक उत्तराधिकारी या अन्य का कानूनी अधिकार नहीं होगा.

- यदि तेजस्वी या तेजप्रताप की मृत्यु पहले हो जाती है तो उनके वैधानिक उतराधिकारी ही इसके मालिक होंगे.

लेकिन अभी भी 3354 स्क्वायर फीट के दो प्लाट राबड़ी देवी के कब्जे में हैं क्योंकि वसीयत तक आने से पहले इस जमीन का पॉवर ऑफ अटॉर्नी राबड़ी देवी के नाम पर है. पटना के सगुना मोड़ के पास स्थित इस जमीन की कीमत अभी करोडों में है.

मोदी ने सवाल उठाया कि मो शमीम और सोफिया की अपनी तीन संतान हैं फिर क्यों उन्होंने लालू के बेटों के नाम वसीयत की जबकि वो उनके कोई सगे भी नहीं हैं. मोदी ने कहा कि मो शमीम को लालू यादव ने राज्यपाल के कोटे से 1998 से 2001 के बीच एमएलसी बनवाया था. कई वर्षों तक वो नागरिक परिषद में रहे. वसीयत इसलिए कराया गया क्योंकि इनकम टैक्स में जवाब ना देना पड़े. मोदी ने कहा कि वो सारे कागजात इनकम टैक्स को दे देंगे.

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इससे पहले भी बेनामी संपत्ति के नाम पर कई विधायकों, सांसदों और मंत्री बनाने के एवज में जमीन गिफ्ट देने की बात सामने आ चुकी है. सुशील मोदी का आरोप है कि मंत्री बनने के लिए रघुनाथ झा और कांति सिंह तक ने लालू को जमीन दी है. ललन चौधरी और हृदयनाथ चौधरी जैसे फोर्थ क्लास के कर्मचारियों से लालू के परिवार ने गिफ्ट लिया है.

 

सुशील कुमार मोदी के इस खुलासे पर लालू प्रसाद यादव ने कुछ खास नहीं कहा लेकिन इतना जरूर कहा है कि पहले सृजन घोटाले से अपने आप को बाहर निकालें सुशील कुमार मोदी.

 

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