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रूस के दौरे पर गईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने चीनी समकक्ष वांग ली के साथ पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर का मामला गंभीरता से उठाया है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने की भारत की अर्जी का विरोध करने पर चीन की मंशा पर भी सवाल किए.
रूस-भारत-चीन (RIC) की संयुक्त वार्ता के इतर मॉस्को में दोनों नेताओं ने मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक, तमाम मुद्दों के साथ ही इस मुद्दों को भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रमुखता से रखा.
चीन ने इस्तेमाल किया वीटो
इस महीने की शुरुआत में चीन ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से मसूद अजहर को आतंकी घोषित किए जाने के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया था और कहा था कि वह इसके लिए बनाए गए सुरक्षा परिषद के मानकों पर फिट नहीं है. ऐसा पहली बार नहीं है जब चीन ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन पर प्रतिबंध को लेकर भारत का विरोध किया हो.
लखवी के मामले में भी अटकाया रोड़ा
संयुक्त राष्ट्र ने 2001 में जैश-ए-मोहम्मद को आतंकी संगठन घोषित करते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन साल 2008 में मुंबई हमलों के बाद मसूद अजहर पर प्रतिबंध की भारत की मांग की राह में तब भी चीन ने ही रोड़ा अटकाया था. यही नहीं, बीते साल जुलाई में भी चीन ने भारत की उस कोशिश को झटका दिया था जिसमें संयुक्त राष्ट्र से 2008 मुंबई हमलों के मास्टर माइंड जकीउर्रहमान लखवी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी. चीन ने भारत की इस मांग के खिलाफ भी वीटो का इस्तेमाल किया था.