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अनशन कर रहीं स्वाति मालीवाल ने केंद्र की महिला मंत्रियों से मांगा समर्थन

स्वाति मालीवाल ने प्रदर्शन का हिस्सा बनने पहुंची महिलाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि यह मंच किसी एक पार्टी के लिए नहीं है. हम सभी दलों के लोगों का इस मंच पर स्वागत करते हैं, ताकि हम सब मिलकर अपनी बेटियों को सुरक्षा प्रदान कर सकें.

अनशन पर स्वाति मालीवाल अनशन पर स्वाति मालीवाल
पंकज जैन/राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 3:12 AM IST

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का अनिश्चित कालीन अनशन पांचवें दिन भी जारी रहा. अनशन का समर्थन करते हुए मंगलवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल, निर्भया की माँ और दिल्ली विश्वविद्यालय के कई छात्र स्वाति मालीवाल के आंदोलन का हिस्सा बनने पहुंचे.

स्वाति मालीवाल ज़िद पर अड़ी हुई हैं कि वो बिना मांगें मनवाए अपना अनशन नहीं तोड़ेंगी.  

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स्वाति ने 'आजतक' से बातचीत करते हुए बताया कि वो इतने दिनों तक कुछ खाये बिना भी 5 किलोमीटर दौड़ सकती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इतनी असंवेदनशील हो गयी है, अभी तक केंद्र सरकार से कोई नहीं आया. बेटियों को देश में छोड़कर, पीएम लंदन चले गए हैं. मैं अपील करती हूं कि जितनी भी महिला नेता केंद्र सरकार में हैं, वो मेरे साथ एक दिन का उपवास करें.

राजघाट पहुंचे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी स्वाति मालीवाल की मांगों का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस में 66000 नई भर्तियां हों, बच्चों के बलात्कार के मामलों में 6 महीने में मुकदमा पूरा करने के लिए फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बनें, बच्चों के बलात्कारियों को 6 महीने में फांसी हो और बेहतर फोरेंसिक लैब बनें. 66000 पुलिस कर्मियों की भर्ती करने से नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा और हमारी बेटियों को सुरक्षा भी मिलेगी.

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निर्भया की मां भी अनशन स्थल पहुंचीं और उन्होंने देश की सैकड़ों निर्भयाओं को न्याय दिलाने के लिए साथ लड़ने का वादा किया. इस बीच स्वाति मालीवाल ने बताया कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में काम करते हुए उन्होंने कई बच्चों के बलात्कार के केस देखे जिससे उन्हें बहुत पीड़ा होती थी.  उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री जी से अपने पत्र के उत्तर की उम्मीद कर रही थीं मगर वह तो पहले ही लंदन चले गए. कोई प्रधानमंत्री जी से सामाजिक मूल्यों पर उपदेश नहीं सुनना चाहता, उनको उपदेश देने की जगह ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए जिससे देश में बलात्कार रुकें.

स्वाति मालीवाल ने प्रदर्शन का हिस्सा बनने पहुंची महिलाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि यह मंच किसी एक पार्टी के लिए नहीं है. हम सभी दलों के लोगों का इस मंच पर स्वागत करते हैं, ताकि हम सब मिलकर अपनी बेटियों को सुरक्षा प्रदान कर सकें. साथ ही उनको देख कर जो लोग भावुक हो रहे थे उनसे स्वाति ने कहा कि ऐसा करे वह उनको कमजोर महसूस न होने दें. हमारे देश में कई बेटियों की मौत हो जाती है अगर एक की और मौत हो जाएगी तो कोई अंतर नहीं पड़ जाएगा.

इस दौरान अस्मिता थिएटर के सदस्य एक दिन का उपवास रखकर स्वाति मालीवाल के अनशन का समर्थन करते भी नज़र आये. आम आदमी पार्टी के कई विधायकों का मंच पर आने जाने का सिलसिला लगातार जारी रहा. 'आप' विधायक अलका लांबा भाषण देते हुए रोने लगीं, और रोते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा.

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भावुक होते हुए अलका लांबा ने कहा कि स्वाति की हालत नहीं देखी जा रही है. देश की रक्षा मंत्री, देश की बाल विकास मंत्री, स्मृति ईरानी, सुषमा स्वराज, सुमित्रा महाजन कहां हैं? शर्म आती है कि आप लुटियन दिल्ली के बंगले में ऐश आराम छोड़ने को तैयार नहीं हैं? हमारा आंदोलन तब तक जिंदा है तब तक स्वाति की सांसें ज़िंदा है.  

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