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ताज महोत्सव में मुगलकाल की बजाए त्रेतायुग की झलक योगी सरकार को कितना दिलाएगी फायदा?

अब तक के ताज महोत्सवों में मुगलकाल की झलक नजर आती थी, लेकिन इस बार धरोहर थीम पर आयोजित इस महोत्सव में पहली बार योगी सरकार की छाप नजर आएगी.

ताज महोत्सव में इस बार गूंजेगा जयश्रीराम ताज महोत्सव में इस बार गूंजेगा जयश्रीराम
राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 4:30 PM IST

उत्तर प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही महोत्सवों का रंग भी बदलने लगा है. पिछली सरकार में जहां सैफई महोत्सव छाया रहता था तो योगी सरकार में गोरखपुर महोत्सव की चर्चा रही. अब 18 फरवरी से आगरा में शुरू होने वाला ताज महोत्सव सुर्खियों में है. हिंदुत्व के एजेंडे पर आगे बढ़ते हुए योगी सरकार मुगलिया रंगत में नजर आने वाले ताज महोत्सव को इस बार भगवा रंग में रंगने की तैयारी में है.

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वाह ताज नहीं, जयश्रीराम

दरअसल ताज महोत्सव में जो कार्यक्रम रखे गए हैं, उसके मुताबिक इस बार ताज महोत्सव के आगाज में मंच पर भगवान राम की छवि दिखाई जाएगी. रामलीला के जरिए त्रेतायुग को दर्शाया जाएगा. अभी तक देश और दुनिया भर से आने वाले लोग जब ताजमहल का दीदार करते हैं तो उनकी जुबान से बस दो शब्द निकलता है, वाह ताज. लेकिन दो हफ्ते बाद 18 फरवरी को जो लोग यहां मौजूद होंगे उनके मुंह से वाह ताज नहीं बल्कि जय श्रीराम निकलेगा. जी हां, 18 फरवरी को यूपी का मशहूर ताज महोत्सव शुरू हो रहा है. पहली बार ताज महोत्सव में भगवान की छवि नजर आएगी क्योंकि महोत्सव का आगाज श्रीराम भारतीय कला केंद्र की प्रस्तुति से होगा, जिसमें भगवान राम के सारे रूप मुक्ताकाशीय मंच पर दिखेंगे.

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पहली बार मुगलकाल नहीं, त्रेतायुग दिखेगा

अब तक के ताज महोत्सवों में मुगलकाल की झलक नजर आती थी, लेकिन इस बार धरोहर थीम पर आयोजित इस महोत्सव में पहली बार योगी सरकार की छाप नजर आएगी. महोत्सव के लिए यूपी के राज्यपाल और मुख्यमंत्री योगी को भी दिया न्यौता दिया गया है. हर बार की तरह इस बार यहां बॉलीवुड के सितारे शिरकत करेंगे. विदेशी कलाकार भी मंच पर परर्फॉर्म करेंगे.

हाकिम को खुश करने में जुटे अफसर

अब सूबे के हाकिम बदले हैं तो अफसर भी उन्हें खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं. इसीलिए मुगलिया शानो-शौकत के बारे में बताने वाले ताज महोत्सव में इस बार राम नाम की गूंज रहेगी. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की रामभक्ति किसी से छिपी नहीं है. सीएम बनने के बाद से वो कई बार अयोध्या आ चुके हैं. दिवाली पर उन्होंने भव्य राम पूजा का भी आयोजन किया था. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि ताज महोत्सव पर भगवान राम की छाप क्या योगी सरकार के उस एजेंडा के विस्तार है, जिसके तहत यूपी में सरकारी भवनों को भगवा रंग में रंगा जा रहा है.

कहां तक असर करेगी जयश्रीराम की गूंज

सूबे की सरकार बदलते ही सरकारी इमारतों के बाद स्कूलों तक का रंग बदला जाने लगा. हद तो तब हो गई जब लखनऊ के हज हाउस का रंग भी भगवा कर दिया गया. हालांकि बाद में सरकार ने कुछ लोगों पर गाज गिराते हुए इस पूरे प्रकरण से हाथ खींच लिया था. लेकिन अब ताज महोत्सव में जयश्रीराम की गूंज कहां तक असर करेगी, ये वक्त बताएगा. फिलहाल आगरा का प्रशासन ताज महोत्सव का भगवाकरण करने की तैयारियों में पूरे जी-जान से जुटा हुआ है.

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ये है महोत्सव का पूरा कार्यक्रम

ताज महोत्सव आयोजन समिति के मुताबिक 18 फरवरी को श्रीराम भारती कला केंद्र की ओर से भगवान श्रीराम पर आधारित नृत्य नाटिका के मंचन के साथ कार्यक्रम का आगाज होगा. 19 फरवरी को लोक गायिका मालिनी अवस्थी का प्रोग्राम होगा. 20 को बॉलीवुड नाइट और 21 को कव्वाली गायक असलम साबरी का कार्यक्रम होगा. 22 फरवरी को पुणे का ब्लैक एंड व्हाइट ग्रुप पुराने गीतों पर आधारित प्रोग्राम पेश करेगा, वहीं 23 फरवरी को मुशायरा और 24 फरवरी को कवि सम्मेलन होगा. कार्यक्रम में 25 से 27 फरवरी तक बॉलीवुड कलाकारों को बुलाया गया है.

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