
बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में यूं तो कमाल के सिंगर्स हुए मगर कुछ सिंगर्स अपनी यूनिक सिंगिंग स्टाइल की वजह से याद किए जाते हैं. ये बात अलग है कि बॉलीवुड संगीत जगत में मोहम्मद रफी और किशोर कुमार को जो मुकाम मिला वैसा किसी और को नहीं मिल पाया. 60 का दशक जहां रफी के नाम रहा तो वहीं 70 के दशक में किशोर छाए रहे. मगर इसी बीच कुछ सिंगर ऐसे भी आए जो अपनी सिंगिंग स्टाइल के लिए दर्शकों द्वारा खूब पसंद किए गए. इसमें हेमंत कुमार, मुकेश और महेंद्र कपूर का नाम आता है. इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ता है सिंगर तलत महमूद का.
तलत महमूद नाम किसी पहचान का मोहताज तो नहीं. 50-60 के दशक में तलत महमूद ने एक से बढ़ कर एक नगमों में अपनी आवाज दी. यूं तो उन्होंने बॉलीवुड में कई सारे सुपरहिट गाने गाए मगर मुख्य रूप से वे एक गजल गायक थे. जगजीत सिंह का दौर तो काफी बाद में आया. जगजीत सिंह के आने के करीब 3 दशक पहले ही तलत महमूद ने गजल गायकी को बॉलीवुड में सक्रिय कर दिया था. उनकी आवाज में वो जादू था कि लोग उनके सुरों में गुम से हो जाते थे. उनकी आवाज का जादू इतना तगड़ा था कि आज भी उनके तमाम गाने काफी मशहूर हैं.
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तलत महमूद इंडस्ट्री के उन चुनिंदा सिंगर्स में से एक रहे हैं जो सिगरेट पीते थे. तलत को संगीत के साथ-साथ सिगरेट की तलब थी. मगर उस जमाने के मशहूर संगीतकार नौशाद इस बात के सख्त खिलाफ थे. संगीतकार नौशाद अपने सिंगर्स को रिकॉर्डिंग से पहले सिगरेट नहीं पीने देते थे. बाबुल फिल्म के गाने मेरा जीवनसाथी की रिकॉर्डिंग के पहले तलत महमूद ने नौशाद को चिढ़ाने के मकसद से जानबूझकर उनके सामने सिगरेट पी. यही नहीं उन्होंने सिगरेट का धुआं उनके मुंह पर छोड़ दिया. नौशाद को ये बात काफी बुरी लगी और उन्होंने फिर कभी भी तलत महमूद के साथ काम नहीं किया. दरअसल म्यूजिकल फिल्म बैजू बावरा में तलत महमूद को भी कुछ नगमें गाने का अवसर मिलने वाला था मगर इस वाकये के बाद उनके हाथ से ये प्रोजेक्ट चला गया.
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अपने एक्टिंग करियर से नाखुश थे तलत
बहुत कम लोगों को इस बारे में पता होगा कि गायकी के अलावा तलत साहब ने 15 के करीब हिंदी फिल्मों में एक्टिंग भी की. उन्होंने नूतन, माला सिन्हा और सुरैया जैसी बड़ी अभिनेत्रियों के साथ काम किया. मगर एक्टिंग में उनका मामला जमा नहीं और उन्होंने एक्टिंग छोड़ दी. 1985 में एक इंटरव्यू के दौरान जब उनसे उनके एक्टिंग करियर के बारे में पूछा गया तो तलत का जवाब था, ''जनाब, क्या आप उस गलती को भूल नहीं सकते? हमने भी खता की है. कौन है जिसकी ख्वाहिश नहीं है कि वो भी दिलीप कुमार बने. ''
तलत महमूद किसी भी गाने को गाने से पहले उनके बोलों को सुनिश्चित कर लेते थे. अगर गाने में उन्हें कहीं से भी चीपनेस नजर आती थी तो वे उस गाने को गाने से तौबा कर लेते थे. उन्होंने हमसे आया ना गया, जाएं तो जाएं कहां, इतना ना मुझसे तू प्यार बढ़ा, जलते हैं जिसके लिए, फिर वही शाम वही गम और ऐ मेरे दिल कहीं और चल शामिल हैं.