
पनामा पेपर्स लीक में टैक्स बचाने के लिए दूसरे देशों में पैसा छिपाने के मामले में भारत समेत दुनियाभर की कई सेलेब्रिटीज और दिग्गज नेताओं का नाम सामने आया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस खुलासे का स्वागत किया है. साथ ही उन्होंने बताया कि मल्टी एजेंसी ग्रुप मामले की जांच करेगी. जेटली ने सोमवार को विदेशों में कालाधन छिपाने वालों को चेतावनी भी दी.
मल्टी एजेंसी ग्रुप में ED भी शामिल
पनामा केस की जांच के लिए मल्टी एजेंसी ग्रुप में प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी शामिल हो गई है. ED सूत्रों के मुताबिक सभी एजेंसियां अलग-अलग जांच करेंगी और इस संबंध में डॉक्यूमेंट्स इकट्ठे किए जा रहे हैं. जांच शुरू होने से पहले सरकार नोटिफिकेशन जारी करेगी, जिसमें सभी एजेंसियों का रोल तय किया जाएगा.
जेटली ने कहा, 'हम ऐसे खुलासों का स्वागत करते हैं. प्रधानमंत्री ने मामले में जांच की बात कही है. मल्टी एजेंसी ग्रुप मामले को देखेगी. पनामा पेपर्स लीक में भारतीयों के खाते की खबर है. मल्टी एजेंसी ग्रुप में CBDT, FIU, RBI, FT और TR डिविजन शामिल होंगे.' वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे मामलों में हर संभव कार्रवाई का भरोसा देना चाहती है.
'मौके पर चूकने वालों को महंगा पड़ेगा खिलवाड़'
कई भारतीयों द्वारा विदेशों में कालाधन छुपाने की ताजा खबरों के बीच वित्त मंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने विदेशों में अपनी अघोषित आय व संपत्तियों का हिसाब देने के
लिए सरकार द्वारा पिछले साल उपलब्ध कराए गए अवसर का लाभ नहीं उठाया उन्हें उनका यह खिलवाड़ बहुत महंगा पड़ेगा. उन्होंने कहा कि विदेशों में कालाधन छुपाने
वालों के खिलाफ वैश्विक पहल के तहत की जा रही बहुपक्षीय व्यवस्था 2017 तक प्रभावी हो जाएगी और उसके बाद लोगों के लिए अपनी गैर कानूनी संपत्ति बाहर छुपाना
बहुत मुश्किल होगा.
कालधन छिपाने वालों पर बरसे वित्त मंत्री
जेटली ने उद्योग मंडल सीआईआई के सालाना अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘जी20 की पहल, एफएटीसीए (अमेरिका का कानून) तथा द्विपक्षीय
संधियों के तहत नयी व्यवस्थाएं 2017 से प्रभावी हो जाएंगी और उसके बाद दुनिया में वित्तीय लेन देन की संस्थागत व्यवस्था अपेक्षाकृत काफी पारदर्शी होगी इसलिए इस
तरह खिलवाड़ उन लोगों के लिए बेहद महंगा होगा जो इसमें लिप्त हैं.’
टैक्स चोरी पर हुआ दुनिया का सबसे बड़ा खुलासा
जेटली का यह बयान इंडियन एक्सप्रेस प्रकाशित इस खबर के बाद आया है कि 500 से अधिक भारतीयों के नाम कर चोरी के लिए पनाहगाह समझे जाने वाले फर्मों से
जुड़े हुए हैं. यह रपट पनामा की एक लॉ फर्म मोसैक फोंसेका के लीक दस्तावेजों पर आधारित है.
कुछ लोगों ने अंतिम मौके का भी फायदा नहीं उठाया: जेटली
जेटली ने कहा कि पिछले साल के बजट में उन्होंने विदेशों में कालाधन व संपत्ति जमा कराने के खिलाफ जब नये सख्त सजा वाले कानून का प्रस्ताव किया था तो
उनकी आलोचना हुई थी और आलोचना करने वालों में कई लोग यहां भी बैठे हैं. उस समय मैंने कहा था, ‘पहले हुईं गलतियां करने वालों के लिए गलती सुधारने का यह
अंतिम मौका है.’ जेटली ने कहा कि हमने अवसर दिया गया, कुछ ने उसका फायदा उठाया और संभवत: कुछ लोगों ने ऐसा नहीं किया.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘मैं आज जब कुछ विपरीत (मीडिया में) रपटें देखता हूं जो केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाली हैं. मुझे लगता है कि यह हम सब के लिए कड़ी चेतावनी है.’
पिछले साल हुआ 4,147 करोड़ के कालेधन का खुलासा
केंद्र सरकार ने अघोषित विदेशी आय व आस्ति कर अधिरोपण अधिनियम 2015 के तहत भारतीयों को विदेशों में रखी किसी अघोषित संपत्ति का खुलासा
करने के लिए अपना नाम गुप्त रखने की सुविधा के साथ 90 दिन का अवसर दिया था. मात्र एक बार के लिए इस अवसर की अवधि गत 30 सितंबर को समाप्त हो
गई. इसके तहत घोषणा करने वाले को घोषित संपत्ति के लिए 30 प्रतिशत कर तथा 30 प्रतिशत जुर्माना देना था. इसके तहत सरकार के समक्ष 4,147 करोड़ रुपये मूल्य
की संपत्ति का खुलासा किया गया. इस कानून के तहत लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई और तीन से दस साल तक की सजा का प्रावधान है.