
बहुचर्चित चारा घोटाला केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को रांची की विशेष सीबीआई ने दोषी करार दिया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने राजनीतिक साजिशों के आरोप लगाए हैं. वहीं लालू के बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने घोटाले की रकम के आधार पर इस पूरे मामले को राजनीतिक द्वेष की भावना से की गई कार्रवाई करार दिया है.
लालू के जेल जाने के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इतने सालों से रेड चल रही है, लेकिन लालू जी के पास एक भी पैसा नहीं मिला. इतना ही नहीं आय से अधिक संपत्ति का केस भी किया, वो भी हम जीत गए.'
अपने बयान में तेजस्वी ने जहां घोटाले की रकम को मामूली बताते हुए अपने पिता को क्लीन चिट देने की कोशिश की, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने आय से अधिक संपत्ति के 45 लाख के केस को भी मामूली साबित करने की दलीलें पेश कीं.
तेजस्वी ने अपनी दलीलों में कहा, 'लालू जी के खिलाफ 45 लाख का डीए (आय से अधिक संपत्ति) केस किया गया, वो भी हम जीत गए. सीबीआई ने 45 लाख का डीए केस किया, बहुत बड़ी रकम है. फिर भी उन्हें मुंह की खानी पड़ी.'
इससे आगे तेजस्वी ने उस देवघर कोषागार केस का जिक्र किया, जिसके आरोप में शनिवार को लालू को दोषी ठहराया गया है. तेजस्वी ने कहा, 'ये जो केस है, 80 लाख की बात है. जिसमें दो पूर्व सीएम, कई अधिकारी, 40 से ज्यादा लोग रहे हैं, कुछ को हालांकि छोड़ दिया गया है.'
इससे आगे तेजस्वी ने कहा, 'कोई साजिश करता है तो लालच के लिए करता है, या सत्ता के लिए करता है, हम तो पहले से ही सत्ता में थे और कोई मुख्यमंत्री 80 लाख के लिए ऐसा करेगा?
इतना ही नहीं तेजस्वी ने आगे ये भी बताते दिखे कि अगर कोई मुख्यमंत्री चाहे तो हजारों-करोड़ों कमा सकता है. उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री अगर अपने पद का दुरुपयोग करे तो लाखों कमा सकता, हजारों करोड़ कमा सकता है, तो 80 लाख में क्या साजिश करेगा और उसमें भी 40 लोग शामिल हैं.'
दरअसल, साल 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से पशु चारे के नाम पर अवैध ढंग से 89 लाख, 27 हजार रुपये निकालने का आरोप है. इस दौरान लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे. हालांकि, ये पूरा चारा घोटाला 950 करोड़ रुपये का है, जिनमें से एक देवघर कोषागार से जुड़ा केस है. जिसमें 89 लाख के घोटाले का आरोप है और इसी केस में लालू को शनिवार को दोषी पाया गया.
हालांकि, इससे पहले चारा घोटाला के तहत ही चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपये अवैध ढंग से निकालने के एक दूसरे केस में लालू समेत सभी आरोपियों को सजा हो चुकी है.
तेजस्वी यादव इसी 89 लाख के घोटाले में करीब 40 लोगों के शामिल होने की दलील देते हुए अपने पिता का बचाव कर रहे हैं और विपक्षी साजिश का दावा कर रहे हैं.
उन्होंने अपने बयान में ये कहा भी है कि ये केस 1977 है और 1990 से पहले वाले जो लोग इसमें शामिल थे, वो बरी हो गए. लेकिन लालू जी ने इस घोटाले में एफआईआर कराई और उन्हीं पर जांच बैठा दी गई. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि क्योंकि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाना था, इसलिए ये सब साजिशें रची गईं.
दरअसल, तेजस्वी का इशारा पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा की तरफ था. जो लालू के साथ इस केस में आरोपी थे, लेकिन कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया. बता दें कि जगन्नाथ मिश्रा 1975-77 के दरम्यान बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं.
यहां सुनें तेजस्वी का पूरा बयान...