
पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव 9 फरवरी से न्याय यात्रा पर निकलेंगे. तेजस्वी ने कहा है कि 6 महीने पहले जिस तरीके से राज्य में जदयू और भाजपा की सरकार बनी और दावा किया गया कि केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होने से बिहार के विकास को गति मिलेगी मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. तेजस्वी ने कहा कि भाजपा ने दावा किया था कि डबल इंजन लग जाने से बिहार में विकास और तेजी से होगा मगर कहीं भी विकास देखने को नहीं मिल रहा है.
अपनी यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव अपने पिता और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ हो रहे अन्याय को भी जनता के बीच ले जाएंगे. तेजस्वी का कहना है कि लालू के साथ साजिश की गई है जिसके तहत उनको चारा घोटाले के मामले में जेल की सजा काटनी पड़ रही है और इसी अन्याय के विरोध में वह जनता की अदालत में जाएंगे और लालू के लिए न्याय की गुहार लगाएंगे. तेजस्वी अपनी यात्रा की शुरुआत पूर्णिया प्रमंडल से करेंगे.
तेजस्वी कि यात्रा पर तंज कसते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि न्याय यात्रा के दौरान तेजस्वी को बिहार की जनता से क्षमा मांग कर यह ऐलान करना चाहिए कि उनके और उनके परिवार की हजार करोड़ की बेनामी संपत्ति जिसमें से अधिकांश को आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर लिया है को गरीबों में दान कर देंगे.
मोदी ने कहा कि तेजस्वी को अपनी यात्रा के दौरान लालू के द्वारा किए गए चारा घोटाले के लिए भी माफी मांगनी चाहिए क्योंकि अब तक उन्हें चारा घोटाले के तीन मामलों में दोषी करार दे दिया गया है. तेजस्वी पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें यह ऐलान करना चाहिए कि अब उनकी पार्टी लालू प्रसाद के पदचिन्हों पर नहीं चलेगी.
तेजस्वी पर हमला करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें अपनी यात्रा के दौरान बिहार की जनता को यह भी बताना चाहिए कि 28 साल की उम्र में वह 30 से ज्यादा संपत्तियों के मालिक कैसे बन गए ? मोदी ने कहा कि तेजस्वी को जनता को यह भी बताना चाहिए कि इतनी बेनामी संपत्ति अर्जित करने में उनकी कोई भागीदारी नहीं है और उनके पिता लालू प्रसाद ने उनके नाम से बेशुमार संपत्तियां लिखवा दी है.