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शादी से पहले इस मंदिर में दिखाना पड़ता है आधार कार्ड, क्योंकि...

अल्मोड़ा के पास के मंदिर के एक पुजारी ने एक अनोखा फैसला लिया है. वह शादी कराने से पहले जोड़े का आधार कार्ड दिखाने की मांग करते हैं. जानें क्या है इसके पीछे की वजह..

बाल विवाह रोकने के लिए बनाया है नियम बाल विवाह रोकने के लिए बनाया है नियम
स्वाति पांडे
  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 7:27 PM IST

राजस्थान में बाल वि‍वाह को रोकना हमेशा से ही एक बड़ी चुनौती रहा है. कई नियम बनाए जाने के बावजूद यह परंपरा अभी तक रुक नहीं पाई है.

लेकिन अल्मोड़ा के एक मंदिर के पुजारी ने इसका गजब का तोड़ निकाला है. कम उम्र में हो रही शादियों को देखते हुए अल्मोड़ा के पास के चिताई गोलू देवता मंदिर के पुजारी ने यह फैसला लिया है कि वो बिना आधार कार्ड देखे किसी की शादी नहीं करवाएंगे.

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इस मंदिर में साल में 400 शादियां और रोजाना लगभग छह शादियां होती हैं. अपने इस फैसले पर पुजारी और मंदिर के ट्रेजरर हरि विनोद पंत कहते हैं, 'चूंकि हमारे यहां बहुत सी शादियां होती हैं इसलिए वर-वधू का नाम और पता का जांच करवा पाना आसान नहीं होता. बहुत से जोड़े इस जिले के बाहर से आते हैं और इसलिए इसकी जांच नहीं हो पाती कि उनकी शादी की उम्र हो गई है या नहीं.'

अपनी रंगत के चलते दुनिया में मशहूर हो गई यह मॉडल

बहुत बार ऐसे केस सामने आए हैं जब लड़का और लड़की भाग कर शादी करने आए हैं साथ ही वो नाबालिग भी थे. यहां बहुत सी नाबालिग नेपाली लड़कियां भी शादी करने आती हैं.

इस जिले के लोगों का मानना है कि इस मंदिर में शादी करना बहुत शुभ होता है. कहा जाता है कि नए जोड़े अगर गोलू देवता का आशीर्वाद लेते हैं तो उनकी जिंदगी अच्छी गुजरती है. दिलचस्प बात ये भी है कि मंदिर के पुजारी सिर्फ आधार कार्ड ही देखेंगे, वो वोटर आइडी कार्ड या पैन कार्ड मंजूर नहीं करेंगे.

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