
जम्मू कश्मीर के निर्दलीय विधायक शेख अब्दुल राशिद मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के सामने पेश हुए. राशिद को कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिग केस में पूछताछ के लिए बुलाया गया था.
राशिद इंजीनियर मुख्यधारा के पहले नेता हैं जिन्हें इस मामले में एनआईए ने समन भेजा है. वह उत्तर कश्मीर में लंगाते विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं.
दिल्ली में एनआईए मुख्यालय में फाइल और दस्तावेजों के साथ पहुंचे राशिद ने कहा कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है.
एनआईए कार्यालय के बाहर राशिद ने कहा, 'मेरे नाम पर मीडिया ट्रायल शुरू होने के बाद मैंने जम्मू कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष से जांच शुरू करने और सच्चाई का पता करने के लिए कहा है'. राशिद ने कहा कि उन्हें न्यायिक प्रणाली में पूरा भरोसा है.
वताली से पूछताछ में हुआ था खुलासा
दरअसल, इस मामले में जब कश्मीर के कारोबारी जहूर वाताली से पूछताछ हुई तो राशिद का नाम सामने आया. वाताली को एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी संगठनों और अलगाववादियों को धन मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
एनआईए अधिकारियों का कहना है कि पिछले 30 मई को उन अलगाववादी संगठनों और अलगाववादी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था जो हिज्बुल मुजाहिद्दीन, दख्तरान-ए-मिल्लत, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े थे.
जांच एजेंसी ने प्राथमिकी में कहा कि हवाला समेत विभिन्न गैरकानूनी माध्यमों से धन जुटाने, जम्मू कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों के वित्त पोषण और सुरक्षाबलों पर पथराव कर घाटी में अशांति पैदा करने, स्कूल जलाने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का मामला दर्ज किया गया.
जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद को प्राथमिकी में आरोपी नामजद किया गया है. सईद के अलावा सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के दो धड़ों और दख्तरान-ए-मिल्लत जैसे संगठनों को भी नामजद किया गया है.अब तक 10 गिरफ्तार
एनआईए ने आतंकवादी गतिविधियों के कथित वित्त पोषण के मामले के संबंध में अभी तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस सूची में गिलानी का दामाद अल्ताफ शाह और वाताली भी शामिल है.
गिलानी के करीबी सहायक एयाज अकबर और पीर सैफुल्लाह को भी गिरफ्तार किया गया है. अकबर कट्टरपंथी अलगाववादी संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत का प्रवक्ता भी है.
आजतक ने किया था खुलासा
आजतक ने अपने स्टिंग 'ऑपरेशन हुर्रियत' में आतंकी फंडिंग का खुलासा किया था. आजतक के खुफिया कैमरे पर अलगाववादी नेता पाकिस्तान से आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा आने की बात कबूलते नजर आए थे. जिसके बाद इस मामले की जांच NIA ने शुरू की थी.