Advertisement

ये मछली अब बचाएगी डेंगू और मलेरिया से, जानें कैसे

 इस मछली का नाम गम्बूजिया है और ये मछली सिर्फ डेंगू ही नहीं बल्कि आपको मलेरिया की चपेट में आने से भी बचा सकती है.

डेंगू से बचाने वाली मछली को पाला गया है डेंगू से बचाने वाली मछली को पाला गया है
रोशनी ठोकने
  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 7:29 AM IST

कहते हैं ना कि एक खराब मछली पूरे तालाब को गंदा कर सकती है, लेकिन आज हम इसके ठीक उलट एक ऐसी मछली की बात कर रहे हैं जो लोगों को डेंगू के डंक से बचा सकती है. इस मछली का नाम गम्बूजिया है और ये मछली सिर्फ डेंगू ही नहीं बल्कि आपको मलेरिया की चपेट में आने से भी बचा सकती है.

Advertisement

दरअसल ये एक ऐसी मछली है जो डेंगू-मलेरिया फैलाने वाले जानलेवा मच्छरों के लार्वा को खाकर दिल्ली को मच्छरों के प्रकोप से बचा सकती है. नॉर्थ एमसीडी का स्वास्थ्य विभाग डेंगू-मलेरिया के मच्छरों से लड़ने के लिए ईको-फ्रेंडली तरीकों को बढ़ावा दे रहा है.

लिहाज़ा गम्बूजिया मछली को बढ़ावा देकर नॉर्थ एमसीडी मच्छरों पर काबू पाने की कोशिश में है. मलेरिया और डेंगू के प्रकोप से निपटने के लिए गम्बूजिया मछली को हथियार बनाने की तैयारी स्वास्थ्य विभाग शुरू कर चुका है. तालाबों में गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ ही पनपने वाले मच्छरों पर रोक लगाने के लिए मछली गम्बूजिया मछली छोड़ने की योजना तैयार की है. डेंगू और मलेरिया के लार्वा मिलते ही ये मछलियां तेजी से उन्हें खाना शुरू कर देती हैं, क्योंकि जितने तेज गति से इन बीमारियों का लार्वा बढ़ता है, उतने ही तेजी से ये मछलियां भी.

Advertisement

नॉर्थ एमसीडी के उप स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद वर्मा के मुताबिक, डेंगू फैलाने वाले मादा ऐडीज मच्छर और मलेरिया फैलाने वाले मादा एनाफलीज मच्छरों को फैलने से रोकने के लिए तालाबों के पानी में गम्बूजिया मछली छोड़ी जाएंगी. पानी पर अंडे देने वाले मच्छरों के लार्वा को ही मच्छर पैदा होने से पहले ही यह मछली चट कर जाएगी और मच्छरों की बढ़ती तादाद पर कुछ हद तक रोक लगेगी. आपको बता दें एक गम्बूसिया मछली 24 घंटे में 100 से 300 लार्वा खा सकती है.  गम्बूसिया मछली को ग्रो होने में 3 से 6 महीने का वक़्त लगता है. एक मछली एक महीने में करीब 50 से 200 अंडे दे सकती है. एक मछली करीब 4 से 5 साल जिंदा रह सकती है. फिलहाल दिल्ली के कुछ तालाबों और पार्कों में वाटर बॉडीज बनाकर इन मछलियों को उनमें छोड़ा जाएगा.  

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली के 12 जोन्स में 50 से ज्यादा जगहों पर इन मछलियों को छोड़ा जाएगा. फिलहाल दिल्ली के जाकिर हुसैन कॉलेज और सिविल लाइंस के एक तालाब में इन मछलियों को छोड़ा गया है. साफ है कि फॉगिंग को छोड़ अब स्वास्थ्य विभाग दूसरे विकल्पों की भी खोज में लगा है, जिससे इन जानलेवा बीमारियों के बढ़ते आंकड़ों को रोका जाए.

Advertisement

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement