
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर का एक और जज्बाती रूप सुब्रत राय सहारा की अर्जी पर सुनवाई के दौरान देखने को मिला. मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सुब्रत राय ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी लगाई थी. चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई करते हुए सुब्रत राय सहारा के वकील कपिल सिब्बल से कहा, 'ये होता है मां का प्यार कि वो मर कर भी मदद कर जाती है.'
कोर्ट ने सेबी से पूछा कि आपको सुब्रत राय की अर्जी पर कोई आपत्ति तो नहीं है तो सेबी ने भी ना में ही जवाब दिया. इसके बाद चीफ जस्टिस की बेंच ने सुब्रत राय को 4 हफ्ते की कस्टडी पैरोल पर रिहा करने का आदेश दे दिया.
कोर्ट ने कहा- सुरक्षा के लिए साथ रहेगी पुलिस
सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय को चार हफ्ते के लिए रिहा तो कर दिया लेकिन ये भी कहा की सादी वर्दी में पुलिसकर्मी सुब्रत राय के साथ रहेंगे. हालांकि, सुब्रत राय के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि पुलिसकर्मियों की जरुरत नहीं है, सुब्रत राय कहीं नहीं भागेंगे क्योंकि उनका पासपोर्ट जब्त है. इस पर कोर्ट ने कहा कि उनके ऊपर काफी लोगों का बकाया है ऐसे में उनकी जान को खतरा हो सकता है इसलिए पुलिस की सुरक्षा जरूरी है. कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर ये तय करेंगे कि कितने पुलिसकर्मी सुब्रत राय के साथ जाएंगे.
दो साल बाद जेल से बाहर आएंगे सुब्रत
कोर्ट ने सुब्रत राय के अलावा उनके बहनोई अशोक राय चौधरी को भी कस्टडी पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है. अशोक राय चौधरी सहारा ग्रुप में एक डायरेक्टर हैं. निवेशकों का पैसा न लौटाने के चलते सुब्रत राय 4 मार्च 2014 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. इससे पहले उन्होंने जेल से बाहर आने की कई कोशिशें कीं लेकिन कामयाबी नहीं मिली. अब मां की मौत की वजह से वो 2 साल के बाद जेल से बाहर निकलेंगे.बीती रात सुब्रत राय की मां छबि राय की लखनऊ में मृत्यु हो गई. वो लंबे समय से बीमार थीं.