
नोटबंदी और जीएसटी ने विपक्ष में बैठे एक दूसरे की विरोधी पार्टियों और नेताओं को करीब ला दिया है. मोदी विरोधियों में शायद यह सोच पैदा हो रही है कि इस समय वह अकेले मोदी का सामना नहीं कर सकते हैं. ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे के मुलाकात से इस थ्योरी को बल मिल रहा है.
आपको बता दें कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुंबई में मुलाकात की. बीजेपी में मोदी काल की शुरुआत होते ही मोदी पर सांप्रदायिक होने और धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देकर एनडीए से अलग होने वाली ममता बनर्जी और वहीं सांप्रदायिक राजनीति का प्रतिनिधित्व करने वाली शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुलाकात से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. हालांकि दोनों नेताओं ने इसे बस शिष्टाचारवश की गई मुलाकात बताया है.
इस बैठक के बाद खुद उद्धव ठाकरे ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी जैसे मसलों पर हमारे विचार एकसमान हैं. हम दोनों इस मसले पर बोलते रहे हैं. देखते हैं आगे चीजें क्या स्वरूप लेती हैं.
शिवसेना महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में सहयोगी पार्टी है, लेकिन राज्य में दोनों सहयोगी दलों के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं. शिवसेना और ममता की तृणमूल कांग्रेस कई मुद्दों पर बीजेपी और मोदी सरकार की आलोचना कर चुके हैं. वहीं आपको बता दें कि शिवसेना जहां प्रो हिंदु और मराठी राजनीति के लिए जानी जाती है तो वहीं ममता बनर्जी प्रो मुस्लिम दृष्टिकोण और बंगाली अस्मिता को अपना हथियार मानती हैं. ऐसे में देखने वाली बात यह होगी क्या एक ताकतवर विपक्ष के लिए दोनों अलग अलग विचारों की राजनीति करने वाली पार्टिया का एक हो सकती हैं?
लालू और 'आप' भी हैं विरोध में
शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल दो ऐसी पार्टियां हैं जो नोटबंदी और जीएसटी पर मोदी सरकार का लगातार विरोध कर रही हैं. हालांकि दोनों पार्टियों के प्रमुखों की छवि एकदम उलट है. जहां अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए हर मोर्चे पर लड़ती दिखाई देती है तो वहीं लालू यादव और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हुए हैं. साथ ही उनकी पार्टी समय समय पर इन आरोपों पर सफाई भी देती रहती है. पिछले कुछ दिनों से दोनों पार्टियां सोशल मीडिया और बयानों से नोटबंदी और जीएसटी पर लगातार मोदी सरकार पर हमले कर रही है.
एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी ने 8 नवम्बर को 'धोख़ा दिवस' मनाने की घोषणा की है. वहीं राजद भी आरबीआई रिपोर्ट आने के बाद से मोदी सरकार पर हमलावर बनी हुई है. लालू यादव ने खुद ट्वीट कर अमित शाह और बीजेपी पर निशाना साधा था. लालू ने ट्वीट किया था कि जहां एक तरफ भारत की इकनॉमी को जीएसटी और नोटबंदी से नुकसान हुआ, वहीं अमित शाह के बेटे की संपत्ति 300 गुना इजाफा. आपको बता दें कि मोदी विरोध में दोनों लीडर पूर्व में एक मंच पर आ चुके हैं. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि नोटबंदी और जीएसटी मुद्दे को भुनाने के लिए क्या आम आदमी पार्टी और राजद एक मंच पर आकर मोदी का विरोध करेंगे.
बीजेपी ने तैयार की काट
बिहार के सीएम नीतीश कुमार को अपनी साइड कर पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को पहले ही बड़ा झटका दे दिया है. वहीं शिवसेना के विरोध को देखते हुए बीजेपी महाराष्ट्र की एक और मजबूत पार्टी एनसीपी से नजदीकियां बढ़ा रही है.