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ट्रेड फेयर में दिख रहा चरखे से खादी तक का सफर

इस बार भी ट्रेड फेयर के शुरु होते ही यहां लोगों की शिरकत शुरू हो गई हैं. मेले के रंगो में अगर हम खादी की बात करें तो इस बार भी खादी प्रोडक्ट्स की बहुत बड़ी रेंज ट्रेड फेयर में लगाई गई हैं. खादी के तेल, साबुन, कपड़े आदि के अलावा इस पवेलियन में चरखा आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं.

ट्रेड फेयर में छा रहा चरखा ट्रेड फेयर में छा रहा चरखा
प्रियंका सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

प्रगति मैदान में आयोजित 36वें इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में अलग-अलग रंग देखने का अनुभव खास होता है और यही वजह हैं कि लोग इस मेले में पूरे जोश के साथ आते हैं और खरीददारी करते हैं.

इस बार भी ट्रेड फेयर के शुरु होते ही यहां लोगों की शिरकत शुरू हो गई हैं. मेले के रंगो में अगर हम खादी की बात करें तो इस बार भी खादी प्रोडक्ट्स की बहुत बड़ी रेंज ट्रेड फेयर में लगाई गई हैं. खादी के तेल, साबुन, कपड़े आदि के अलावा इस पवेलियन में चरखा आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं.

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इस चरखे से ही खादी का सफर शुरू हुआ और इसीलिए इस बार चरखे से कपड़े तक की पूरी प्रक्रिया दिखाने की कोशिश की गई है. यहां कपास से धागा फिर धागे से कपड़ा और कपड़े से फाइन कपड़ा बनाने की पूरी विधि को दिखाया गया है. खादी ग्रामोद्योग के मीडिया प्रभारी रवि कौशिक के मुताबिक खादी का कपड़ा वातानुकूलित होता है मतलब ठंड में गर्म और गर्म में ठंडा साथ ही इसको हाथ से बनाया जाता है इसीलिए इसकी अलग पहचान और एहसास होता है. खादी को भारतीय संस्कृति की पहचान माना जाता है और आज भी इसी खादी की वजह से लाखों लोगों की आजीविका भी चलती हैं.

फिलहाल बिज़नेस दिनों में महंगी टिकट और करेंसी बैन की वजह से लोगों की आवाजाही पर फर्क पड़ा है. लेकिन 19 तारीख से ये मेला आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा और उसके बाद ही पता चलेगा कि इतने बड़े आर्थिक बदलाव के बाद लोग कितने रुझान से खरीददारी करने आएगें. अगर खादी की बाद करें तो यहां डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स से पेमेंट हो रही हैं. इसके अलावा हर पवेलियन के ट्रेडर्स भी कार्ड पेमेंट की सुविधा का इंतजाम करने में जुटे हुए हैं.

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