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ट्राई ने इंटरकनेक्ट फी की समीक्षा शुरू की

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इंटरकनेक्ट शुल्क की समीक्षा की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इंटरनेक्ट फी यानी एक दूरसंचार ऑपरेटर द्वारा दूसरे सेवा प्रदाता की नेटवर्क कॉल को पूरा करने के लिए किया जाने वाला भुगतान. ट्राई ने 2003 में पहली बार इंटकनेक्ट यूजेज चार्ज (आईयूसी) की रूपरेखा तय की थी. उसके बाद 2006 और 2009 में इस शुल्क में संशोधन किया गया था.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2014,
  • अपडेटेड 3:20 AM IST

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इंटरकनेक्ट शुल्क की समीक्षा की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इंटरनेक्ट फी यानी एक दूरसंचार ऑपरेटर द्वारा दूसरे सेवा प्रदाता की नेटवर्क कॉल को पूरा करने के लिए किया जाने वाला भुगतान. ट्राई ने 2003 में पहली बार इंटकनेक्ट यूजेज चार्ज (आईयूसी) की रूपरेखा तय की थी. उसके बाद 2006 और 2009 में इस शुल्क में संशोधन किया गया था.

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मौजूदा आईयूसी व्यवस्था को 2009 में अधिसूचित किया गया था. फिलहाल मोबाइल कॉल टर्मिनेशन शुल्क स्थानीय और राष्ट्रीय लंबी दूरी की कॉल के लिए 20 पैसे प्रति मिनट है. इनकमिंग अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी की कॉल्स के लिए टर्मिनेशन शुल्क 40 पैसे प्रति मिनट है. ट्राई ने बुधवार को आईयूसी पर परामर्श पत्र जारी कर इन विभिन्न मुद्दों पर अंशधारकों के विचार मांगे हैं. इसमें शुल्क व्यवस्था के लिए अपनाए जाने वाला रुख, मोबाइल टर्मिनेशन लागत का अनुमान लगाने का तौर तरीका और अंतरराष्ट्रीय टर्मिनेशन शुल्क का उचित स्तर शामिल हैं.

नियामक ने पिछली समीक्षा में इंटरकनेक्ट शुल्क घटाया था. अंशधारकों को ट्राई को अपने विचार 11 दिसंबर तक देने हैं. जवाबी टिप्पणियां 18 दिसंबर तक दी जानी हैं.

-इनपुट भाषा से

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