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सूखे की मार झेल रहे यूपी के बुंदेलखंड में रेलवे ने लोगों की प्यास बुझाने के लिए पहल की और 10 वैगन वाली एक ट्रेन 5 लाख लीटर पानी के साथ बुधवार देर शाम रतलाम से झांसी के लिए भेज दी. लेकिन इस मामले में एक नया विवाद तब खड़ा हो गया है, जब स्थानीय नेता और रेलवे प्रशासन को पता चला की इस ट्रेन के 10 वैगन खाली के खाली हैं.
दरअसल, इस ट्रेन को महोबा जाना था, लेकिन जिला प्रशासन और रेलवे के बीच सामंजस्य न बन पाने की वजह से यह अभी तक झांसी के यार्ड में ही खड़ी है. जब यार्ड में ट्रेन से सम्बंधित दस्तावेज देखे गए तो उसमें ट्रेन को खाली पाया गया.
झांसी को पानी के टैकरों की जरूरत नहीं
यार्ड इंचार्ज डी. के. श्रीवास्तव ने बताया, 'जो हमारे पास दस्तावेज आए हैं उसमें ट्रेन को खाली दिखाया गया है. हम ये नहीं बता सकते की अब इस ट्रेन को कहा भेजना है. मीडिया में खबर आने के बाद प्रशासन के आदेश पर ट्रेन का निरक्षण किया, लेकिन टेंकरो में पानी नहीं पाया और उनका कहना था की जब उन्होंने झांसी के मंडल रेल प्रबंधक से इस ट्रेन के बारे में बात की तो उन्होंने भी बताया की ट्रेन खाली है.' झांसी के जिलाधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने रेलवे यार्ड में खड़े टेंकरों के खाली होने की पुष्टि करते हुए कहा कि उनके जिले में पेयजल के सभी संसाधन मौजूद हैं फिलहाल उन्हें रेलवे टैंकरों की जरूरत नहीं है.
ट्रेन को लेकर संशय की स्थिति
अब यह तय नहीं हो पा रहा है कि इसे कहां भेजा जाए. गौरतलब है कि जलसंकट को देखते हुए रतलाम से यह ट्रेन झांसी पहुंची है. लेकिन इस ट्रेन में पानी नहीं है. इसे झांसी स्टेशन के यार्ड में ही खड़ा कर दिया गया है. ट्रेन को लेकर रेलवे और जिला प्रशासन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.