
सूखे एवं पानी की कमी की मार से परेशान बुंदेलखंड की प्यास बुझाने के लिए रेलवे ने पानी के टैंकरों की एक ट्रेन भेजने का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश के महोबा में पानी की पहली गाड़ी 6 मई को सुबह पहुंचेगी. रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार कोटा से यह गाड़ी 5 मई की शाम को रवाना होगी और बीना, झांसी होते हुए सुबह अगले दिन महोबा पहुंचेगी.
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा की पहल
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा की पहल पर यह गाड़ी राजस्थान के कोटा से बाणसागर बांध से पानी लेकर जाएगी. सिन्हा ने मीरपुर-महोबा के सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल से सलाह करके रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को महोबा में पानी भेजने के निर्देश दिए हैं.
बुंदेलखंड में सूखा का व्यापक असर
बुंदेलखंड में उत्तर प्रदेश के बांदा, चित्रकूट, महोबा, ललितपुर और झांसी तथा मध्यप्रदेश के टीकमगढ़, पन्ना, छतरपुर, दमोह एवं सागर जिले शामिल हैं. इन सभी जिलों में पानी का संकट ज्यादा है. इन जिलों में जहां एक तरफ मॉनसून की बारिश में भारी कमी रही है तो वहीं यहां पर अंधाधुंध पत्थर खनन से भूजल स्तर में गिरावट आयी है. अनेक गांवों में पशुओं के लिये पानी एवं चारा भी उपलब्ध नहीं है.
लातूर भी भेजी गई थी पानी की ट्रेन
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा की तरह ही उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड का इलाका पानी की भारी किल्लत का सामना कर रहा है. पिछले तीन सालों से यहां पर मॉनसून की बारिश काफी कमजोर रही है लिहाजा यहां के ज्यादातर इलाकों में भूजल का स्तर काफी नीचे चला गया है.
कई इलाकों से लोगों का पलायन
बुंदेलखंड में ज्यादातर तालाब और कुंए सूख चुके हैं. पानी की कमी का आलम ये है कि इसकी वजह से कई इलाकों से लोग गांव के गांव खाली करके दूसरे इलाकों की तरफ पलायन कर रहे हैं. रेलवे ने महाराष्ट्र के लातूर में पानी के संकट को देखते हुए वहां पानी भर कर कई ट्रेनें भेजीं हैं जिससे स्थानीय लोगों को बहुत राहत मिली है. इसी पहल से उत्साहित होकर बुंदेलखंड के लिए भी पानी ट्रेन भेजी जा रही है.