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साउथ एमसीडी ने लगातार तीसरे दिन गिराए अवैध निर्माण

अवैध निर्माण के खिलाफ साउथ एमसीडी की मुहिम तीसरे दिन भी जारी रही. आपको बता दें कि निगम ने बीते हफ्ते ही अवैध निर्माण के खिलाफ बड़ी मुहिम छेड़ी है.

अवैध निर्माण के खिलाफ बड़ी मुहिम अवैध निर्माण के खिलाफ बड़ी मुहिम
रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 6:35 PM IST

अवैध निर्माण के खिलाफ साउथ एमसीडी की मुहिम तीसरे दिन भी जारी रही. आपको बता दें कि निगम ने बीते हफ्ते ही अवैध निर्माण के खिलाफ बड़ी मुहिम छेड़ी है.

अवैध निर्माण के खिलाफ लगातार कोर्ट से फटकार मिलने के बाद साउथ एमसीडी उपायुक्त ने साउथ ज़ोन का औचक दौरा किया था और वहां मौजूद अवैध निर्माण को गिराने के निर्देश जारी किए थे, जिसके बाद से ही साउथ एमसीडी का बिल्डिंग विभाग लगातार अवैध निर्माण को गिरा रहा है. मुहिम के तीसरे दिन भी अवैध निर्माण को गिराया गया और इस बात का ध्यान रखा गया कि गिराई गई संपत्ति बाद में दोबारा किसी इस्तेमाल के लायक नहीं रहे.

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निगम के मुताबिक, 6 बड़ी संपतियां गिराई जा चुकी हैं और 3 संपत्तियों को सील किया गया है. निगम के मुताबिक अवैध निर्माण गिराने के दौरान स्थानीय लोगों का विरोध तो झेलना पड़ा, लेकिन पुलिस की सहायता से उन्हें रोका गया और अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की गई. निगम के मुताबिक, दिल्ली मास्टर प्लान 2021 और बिल्डिंग बायलॉज़ 2016 के तहत ये नियम है कि निर्माण शुरू करने से पहले नक्शा पास करवाया जाया ज़रूरी है.

निगम ने इस बार अवैध निर्माण को तोड़ने के साथ ही दिल्ली जल बोर्ड, बिजली कंपनी और स्थानीय पुलिस को भी सूचित कर दिया है, ताकि दोबारा यहां निर्माण ना हो. इसके अलावा राजस्व विभाग को भी सूचित किया जा रहा है, ताकि ऐसी संपत्तियों की रजिस्ट्री ना हो सके और बेईमान बिल्डरों के अवैध धंधों को रोका जा सके.

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3 इंजिनियर हो चुके हैं सस्पेंड

आपको बता दें कि तीन पहले ही अवैध निर्माण को रोक पाने में नाकाम 3 इंजीनियरों को साउथ एमसीडी ने सस्पेंड कर दिया था. अवैध निर्माण के खिलाफ शुरू हुई मुहिम के पहले ही दिन जब अडिशनल कमिश्नर ने छतरपुर एन्क्लेव का औचक निरीक्षण किया तो पाया कि यहां बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण पाया गया था, जिसके बाद एग्जीक्यूटिव इंजिनियर अशोक कुमार, असिस्टेंट इंजीनियर एसके जैन और जूनियर इंजीनियर बीएम शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया था. दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट में अवैध निर्माण को लेकर कई याचिकाएं दाखिल की जाती है, जिनमें से ज़्यादातर साउथ दिल्ली की होती हैं और इसलिए साउथ एमसीडी को कई बार अवैध निर्माण को लेकर हाईकोर्ट से फटकार भी मिल चुकी है.

 

 

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