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शिवसेना ने PM मोदी से तीन तलाक को लेकर शरिया कानून में बदलाव करने को कहा

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए कहा, 'इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूछा था कि क्या शरिया में कोई बदलाव किया जाना चाहिए. मोदी को किसी से भी सलाह लिए बगैर हां कहना चाहिए. यह फैसला नोटबंदी के जितना ही क्रांतिकारी होगा.

मुस्लिम महिलाओं के हित में शरिया कानून में बदलाव की मांग मुस्लिम महिलाओं के हित में शरिया कानून में बदलाव की मांग
सना जैदी
  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST

इलाहाबाद हाई कोर्ट के तीन तलाक की प्रथा को क्रूर बताने के बाद महाराष्ट्र में बीजेपी के सहयोगी दल शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुस्लिम महिलाओं के हित में शरिया कानून में बदलाव करने के लिए अपनी मंजूरी देने की मांग की.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिए कहा, 'इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूछा था कि क्या शरिया में कोई बदलाव किया जाना चाहिए. मोदी को किसी से भी सलाह लिए बगैर हां कहना चाहिए. यह फैसला नोटबंदी के जितना ही क्रांतिकारी होगा. हाई कोर्ट ने जो कहा वह एक आदेश नहीं बल्कि टिप्पणी थी. लेकिन यह देश की भावना एवं मुस्लिम महिलाओं के दर्द को बयां करता है.'

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पार्टी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के नाम पर मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित कर रहे लोगों को राष्ट्रविरोधी करार दिया जाए और सजा दी जाए.

संपादकीय में दावा किया गया, 'हालांकि, कोई भी इसपर टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि बीजेपी सहित हर किसी का ध्यान उत्तर प्रदेश चुनाव में मुस्लिम वोट बैंक पर है.’

हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि तीन तलाक की प्रथा ‘बेहद अपमानजनक’ है जो ‘भारत के एक राष्ट्र बनने में अवरोध पैदा कर रही है और उसे पीछे खींच रही है.’ अदालत की टिप्पणी के बाद तीन तलाक की वैधता पर बहस तेज हो गई. अदालत ने कहा था कि भारत का संविधान सर्वोपरि है ना कि मुस्लिम लॉ बोर्ड.

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