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त्रिपुरा: क्या 25 साल से सत्ता पर काबिज लेफ्ट का रास्ता रोक पाएगी BJP?

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को मतदान होने जा रहे हैं. चुनाव आयोग ने सूबे की विधानसभा की 60 में से 59 सीटों पर होने वाले मतदान के लिए तैयारियां पूरी कर ली है. त्रिपुरा चुनाव के लिए 24 जनवरी से 31 जनवरी तक नामांकन भरे गए थे. इस बार सूबे की 20 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं.

फाइल फोटो फाइल फोटो
राम कृष्ण
  • अगरतला,
  • 17 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:16 PM IST

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को मतदान होने जा रहे हैं, जहां इस बार लाल गढ़ में भगवा दल सेंध लगाने की  तैयारी में है. चुनाव आयोग ने सूबे की विधानसभा की 60 में से 59 सीटों पर होने वाले मतदान के लिए तैयारियां पूरी कर ली है. चरीलम विधानसभा सीट से CPM के उम्मीदवार रामेंद्र नारायण देब बर्मा की पांच दिन पहले मौत हो जाने के कारण इस सीट पर 12 मार्च को चुनाव होगा.

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त्रिपुरा चुनाव के लिए 24 जनवरी से 31 जनवरी तक नामांकन भरे गए थे. इस बार सूबे की 20 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं. पिछले 25 साल से सूबे की सत्ता पर काबिज वाम मोर्चा के लिए बीजेपी इस बार चुनौती पैदा कर रही है. हालांकि अब यह तो वक्त ही बताएगा कि वाम मोर्चा के लिए बीजेपी कितनी मुश्किल पैदा कर पाती है?

अगर इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो साल 1972 में पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल करने वाले त्रिपुरा में पिछले 25 साल से मुकाबला एक तरफा रहा है, लेकिन कुछ विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां जनता ने मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) और कांग्रेस दोनों को बारी-बारी से जीत मिलती रही.

सूबे में बीजेपी ने किया धुआंधार प्रचार

त्रिपुरा की जंग जीतने के लिए बीजेपी ने इस बार धुआंधार प्रचार किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद राज्य में चार रैलियां की. इसके अलावा भगवा दल ने अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, नितिन गडकरी और स्मृति ईरानी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गजों को भी चुनाव प्रचार में उतारा.

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पांचवीं बार CM की दौड़ में माणिक  सरकार

वाम मोर्चा ने अपने गढ़ को बचाने के लिए कई चुनावी रैलियां की. पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में शामिल माणिक सरकार ने CPM के प्रचार अभियान का नेतृत्व करते हुए राज्य में करीब 50 रैलियों को संबोधित किया. सीताराम येचुरी और बृंदा करात जैसे अन्य वामपंथी नेताओं ने भी पार्टी के इस अभियान का समर्थन किया. CPM 57 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि अन्य वामपंथी दल आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लॉक और भाकपा ने एक-एक सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं.

कांग्रेस का चुनाव प्रचार रहा हल्का

इस बार सूबे में कांग्रेस का प्रचार अभियान कुछ हल्का रहा. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रचार के आखिरी दिन उनाकोटी जिले के कैलाशहर में एक रैली को संबोधित किया. इस बार त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में कुल 307 उम्मीदवार मैदान में हैं. कांग्रेस 59 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी ने गोमती जिले के काक्राबोन विधानसभा सीट से किसी भी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा है.

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